RTE: जिले में चल रहे प्ले ग्रुप, नर्सरी और केजी स्कूल अवैध

Uncategorized

RTEफर्रुखाबाद: नगर में ढिंढोरा और घर में धरो बोरा, यह देशी कहावत जिले में राजस्व के झूझ रहे अधिकारिओ के लिए सही साबित हो रही है| जिले में चल रहे लगभग सभी 300 प्री प्राइमरी स्कूल बिना मान्यता लिए बिना संचालित हो रहे है| मुख्य सचिव के वर्ष 2011 के शासनादेश के मुताबिक शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 के तहत प्री प्राइमरी (हिंदी मीडियम एवं अंग्रेजी मीडियम दोनों) स्कूलों को बिना मान्यता लिए संचालित करना अवैध कर मान्यता के लिए नियम शर्तो का हवाला जारी किया गया था| किन्तु बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारी इस आदेश को कूड़ेदान में डाल चुप्पी साध गए| अलबत्ता जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय फर्रुखाबाद द्वारा उपलब्ध करायी गयी जानकारी के अनुसार जनपद में एक भी स्कूल ने अभी तक मान्यता नहीं ली है| बिना मान्यता के स्कूल संचालित करने पर 1 लाख तक का जुर्माने का प्राविधान शिक्षा के अधिकार अधिनियम में किया गया है| यदि इन 300 स्कूलों पर जुर्माना कर दिया जाए तो सरकार के खाते में 3 करोड़ रुपये एक मुस्त आ सकते है|
[bannergarden id=”8″][bannergarden id=”11″]
बिना मान्यता लिए चल रहे स्कूल शिक्षा के अधिकार अधिनियम को दिखा रहे ढेंगा-
चौकाने वाली बात जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के बाबू जो शिक्षा का अधिकार का पटल देख रहे है ने बताया कि स्कूल इस अधिनियम के तहत मुफ्त शिक्षा देने के प्रवेश के प्रार्थना पत्र इस बात पर भी लौटा देते है कि उन्होंने बेसिक शिक्षा विभाग के कोई मान्यता नहीं ली है लिहाजा उनके ऊपर कोई कानून नहीं लागू होता| मगर जानकारी के लिए बता दे कि ये अधिनियम सभी प्रकार के स्कूलों पर लागू किया गया है| ऐसी हालात में भी अगर जिले स्तर के अधिकारी जिनके कंधो पर इस अधिनियम को लागू कराने की जिम्मेदारी है (जिलाधिकारी, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी और जिला विद्यालय निरीक्षक) कान में तेल डाले बैठे है इससे भी इन सब की बच्चो की शिक्षा के प्रति सम्वेदनशीलता का अंदाजा लगाया जा सकता है|
अफसर कहते है उन्हें जानकारी नहीं-
इतना ही नहीं शायद ही कोई अधिकारी हो जिनके बच्चे इन प्री प्राइमरी में न पढ़ते हो मगर ये कह देना कि उनकी जानकारी में स्कूल नहीं है शायद बेहयाई और अपने पद के प्रति जबाबदेही से बचने की इससे बड़ी मिशाल नहीं हो सकती| नगर क्षेत्र के खंड शिक्षा अधिकारी प्रवीण शुक्ल का कहना है कि मान्यता तो एक भी नहीं है मगर उनकी जानकारी में एक भी स्कूल नहीं है| लानत है कि इस अधिकार के तहत एक भी बच्चे का दाखिला नहीं हो पाया है|