सेन्ट्रल जेल के बंदीयों को उपचार तक के लाले

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bp-traipathi-jailफर्रुखाबाद:एशिया की सबसे बड़ी जेल सेन्ट्रल में बीते कई वर्षो से बंदियों के इलाज के लिये चिकित्सक ही नही है| जिससे बंदियों को गम्भीर बीमारी या आपात काल में समुचित उपचार नही मिल पा रहा है| एक अनुमान के अनुसार बीते वर्षो की तुलना में इस वर्ष सेंट्रल जेल के बंदियों की मौत अधिक मात्रा में हुई है|

विदित है कि सेन्ट्रल जेल में हजारो की संख्या में बंदी है| एक तो उनको जेल में रखने की व्यवस्था ठीक से नही हो पाती है| साथ ही साथ जब देर सबेर वह बीमार पड़ते है तो उनके उपचार की समस्या खड़ी हो जाती है| जिसके बाद जेल प्रशासन को जिला अस्पताल के बाद हैलट अस्पताल में बीमार कैदी को भर्ती कराना पड़ता है| और उसकी सुरक्षा में कई बंदी रक्षक लगाने पड़ते है| जिससे समस्या बनी रहती है| जेल में अधिक मात्रा में बंदियों की मौत होने के मामले को मानवाधिकार भी संज्ञान लेकर नाराजगी व्यक्त कर चुका है| लोहिया अस्पताल में पहले से चिकित्सको का आभाव है|

सेन्ट्रल जेल में कैदियों के उपचार के लिये 9 चिकित्सको के पद है| जिसमे 3 चिकित्सक, 4 फार्मासिस्ट, एक एक्सरे टेक्नीशियन व एक लैब टेक्नीशियन के पद शामिल है| लेकिन किसी भी पद पर कोई तैंनाती नही है| केबल एक फार्मासिस्ट शैलेन्द्र कुंमार ही हजारो कैदियों का उपचार करने के लिये तैनात है| वही सुरक्षा की यदि बात करे तो जेल में एक दर्जन डिप्टी जेलर के पद है जिसमे से केबल तीन पदों पर ही डिप्टी जेलर तैनात है| दो जेलर की जगह एक जेलर सुनीत चौहान की तैनाती है| इसके साथ ही साथ 213 पद बंदी रक्षको के है जिसमे से लगभग आधे बंदी रक्षक ही सुरक्षा में तैनात है|

जेल अधीक्षक वीपी त्रिपाठी ने बताया कि डाक्टरों की कमी से बंदियों को उपचार की समस्या तो होती है| उन्होंने शासन में भीकागजी कार्यवाही की है| लेकिन अभी तक कोई चिकित्सक नही भेजा गया| सीएमओ से भी वार्ता हुई थी| सीएमओ ने उन्हें बताया कि जिले में 60 प्रतिशत जगहों पर चिकित्सक ही तैनात नही है| वही जेल की सुरक्षा में किसी भी प्रकार की कमी को उन्होंने नकार दिया|