आत्मा, भूत-प्रेत, पिशाच या सिर्फ हमारा वहम

Uncategorized

आत्मा, भूत-प्रेत, पिशाच आदि होते हैं यह आजकल अधिकांश लोग मानने लगे हैं. वहीं कुछ लोगों को अपने आसपास भूत जैसी अदृश्य शक्ति होने का वहम हो जाता है. ऐसा वहम उन लोगों को होता है जो भूत-प्रेत आदि की बातें करते हो, सुनते हो, फिल्म आदि देखते हो या आत्मा जैसे विषयों का साहित्य पढ़ते हैं. ऐसा करने से उन लोगों के मन में वैसे ही विचार बनने शुरू हो जाते हैं. वे अपने आसपास वैसी ही दुनिया महसूस करने लगते हैं.

कुछ लोगों पर इस प्रकार के विचार इतने हावी हो जाते हैं कि वे पागलों की तरह व्यवहार शुरू कर देते हैं. जबकि आत्मा, भूत-प्रेम, पिशाच आदि होते हैं यह आजकल अधिकांश लोग मानने लगे हैं. वहीं कुछ लोगों को अपने आसपास भूत जैसी अदृश्य शक्ति होने का वहम हो जाता है. वास्तव में उनके साथ भूत आदि जैसी कोई बात नहीं होती परंतु सिर्फ उनका वहम, उनके विचार उन्हें ऐसा सोचने-समझने के लिए मजबूर कर देते हैं. कुछ कमजोर मानसिकता वाले भी होते हैं जिन पर इस तरह की बातें गहरा असर छोड़ जाती है और उसे सत्य मानकर वैसे ही महसूस करना शुरू कर देते हैं.
हमें कोशिश करना चाहिए कि ऐसे लोगों को इस प्रकार के साहित्य और फिल्म आदि से दूर रखा जाए जो इनमें डूब जाते हैं.