डेस्क:कोरोना संक्रमण काल ने जीवन रक्षक हवा ऑक्सीजन ने प्रकृति से खिलवाड़ करने का टेलर दिखा दिया। इस काल में ऑक्सीजन कमी पर विशेषज्ञों ने हरियाली के साथ हुए दुर्व्यवहार को कारण बताया है। आपके अपने इस ऑक्सीजन की कमी से परेशान हों, इसके लिए आप अपने ही घर में ऑक्सीजन देेने वाले पेड़ पौधे लगा सकते हैं।प्रकृति के साथ जुड़कर आप अपनी बीमारियों से छुटकारा भी पा सकते हैं। संक्रमण के काल में हम आपको कुछ ऐसे पौधे बताते है जिनके बारे में आप जानते तो होंगे लेकिन गुणों से शायद की परिचित होंगे। पेड़ पौधे मानव जाति के अस्तित्व के लिए आवश्यक हैं और पृथ्वी पर ऑक्सीजन के सबसे बड़े स्रोतों में से एक हैं। सभी पेड़ प्रकाश संश्लेषण के दौरान कार्बन डाइऑक्साइड का उपयोग करते हैं और ऑक्सीजन छोड़ते हैं।
नीम औषधीय पेड़ होने साथ पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त करने करने का काम करती है। पीपल का पेड़ न केवल रात में ऑक्सीजन प्रदान करता है बल्कि अस्थमा, कब्ज, मधुमेह, और रक्त संबंधी विभिन्न समस्याओं जैसे रोगों का भी इलाज करता है। अर्जुन का पेड़ एक एंटीऑक्सिडेंट, रोगाणुओं से लड़ने में मदद मिलती है।
70 टन ऑक्सीजन बनाता है एक बांस: बांस को एक प्राकृतिक वायु शोधक के रूप में जाना जाता है, एक बांस एक साल में 70 टन से अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन कर सकता है और प्रति वर्ष प्रति 80 टन कार्बन डाइऑक्साइड को अवशोषित कर सकता है। भले ही बांस मूल रूप से एक घास का पौधा है, लेकिन इसकी विशाल लकड़ी की संरचना और बहुत पेड़ जैसी दिखने के कारण, इन्हें अक्सर बांस के पेड़ कहा जाता है। बांस 120 वर्ष तक जीवित रहता है। बांस के एक समूह में पेड़ों के अन्य समूहों की तुलना में 35 फीसद अधिक ऑक्सीजन छोड़ने की क्षमता है। स्नेक का पौधा है आप घर के अंदर लगा सकते हैं। तीन फीट ऊंचे इस पौधे में शुद्ध वातावरण बनाने के लिए हवा से हानिकारक सामग्री को अवशोषित करने की क्षमता होती है। मनी प्लांट, एरीका पाम, पीस लिली, एलोवेरा, जरबेरा, रामा तुलसी व ऑरचिड को किचेन गार्डन में लगाकर ऑक्सीजन बना सकते हैं।