बेसिक शिक्षा विभाग में 45000 शिक्षकों का अंतर जिला तबादला

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक पद पर 31,661 युवाओं की भर्ती के आदेश के एक दिन बाद ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने बेसिक शिक्षा विभाग के अध्यापकों तथा सहायक अध्यापकों को बड़ी राहत दे दी है। प्रदेश सरकार ने बेसिक शिक्षा विभाग में अंतरजनपदीय तबादलों पर लगी रोक को हटा दिया है। इससे सूबे के करीब 45000 शिक्षकों को लाभ मिलेगा।
उत्तर प्रदेश में बेसिक शिक्षकों के अंतर जनपदीय तबदलों पर से रोक हट गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने रविवार को तबादलों को मंजूरी प्रदान की। प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण के कारण लॉकडाउन होने से प्रक्रिया रुकी थी। प्रदेश में अंतरजनपदीय तबादले के लिए 45000 आवेदन आए थे। इनमें से 4500 का आदेश जारी हो गया है। अब सरकार ने 45000 आवेदन के सापेक्ष बेसिक शिक्षा विभाग के 54,120 शिक्षकों के अंतरजनपदीय स्थानांतरण को मंजूरी दी है। इसमें 25,814 पुरुष और 28,306 महिलाएं हैं। बीमारी से पीड़ित 2186, दिव्यांग 2285 और सैन्य सेवाओं से जुड़े 917 शिक्षकों ने तबादला के लिए अपना आवेदन किया था।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आज के आदेश पर बेसिक शिक्षा विभाग में 4500 शिक्षकों का अंतर जिला का तबादला आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के तहत विशेष लाभ महिला, दिव्यांग, बीमार व सैनिक परिवार के शिक्षकों को मिला है। इसमें भी पारदर्शिता के लिए प्रक्रिया पूरी तरह से आनलाइन की गई है। रविवार को पहले ही दिन 4500 शिक्षकों का तबादला आदेश जारी किया गया है। बेसिक शिक्षा विभाग में अंतर जनपदीय तबादला के लिए ऑनलाइन 45000 से अधिक आवेदन आये थे। प्रदेश में कोविड-19 के संक्रमण के कारण इनकी तबादला प्रक्रिया रुकी हुई थी।  अब प्रदेश में शिक्षक एक जिले से दूसरे जिला में तबादले पर जा सकेंगे।
प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले में तबादले के इच्छुक प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षक काफी समय से सरकार से अंतरजनपदीय तबादलों को खोले जाने की उम्मीद लगाये थे। उनकी उम्मीद पूरी भी हुई और शासन ने बीते वर्ष 02 दिसंबर को शासनादेश जारी कर इसके लिए पूरी समय सारिणी जारी कर दी। जिसके लिए बीती 20 दिसंबर से 20 जनवरी तक शिक्षकों को तबादले के लिए ऑनलाइन आवेदन करना था। इसके बाद 21 जनवरी से 05 फरवरी तक का समय इन आवेदनों के सत्यापन की थी। सत्यापन के दौरान अगर कोई आपत्ति सामने आती है तो उसके लिए 06 फरवरी से 20 फरवरी तक का समय दिया गया था तथा 20 मार्च को तबादला सूची प्रकाशित की जानी थी। शासनादेश के मुताबिक पुरूषों को तीन वर्ष तथा महिलाओं को एक वर्ष की नौकरी के आधार पर आवेदन करने को निर्देशित किया गया था। रिक्त पदों के आधार पर ही शिक्षकों का उनके मनचाहे जिलों में तबादला होना था। इसके साथ ही किसी भी जिले में स्वीकृत पदों के सापेक्ष कुल 15 प्रतिशत शिक्षकों का ही तबादला होना था।
इसके बाद शासन ने कोरोना संक्रमण को देखते हुए तबादला सत्र शून्य कर दिया था लेकिन इसके बाद भी शिक्षकों को उम्मीद थी कि जुलाई में स्कूल खुलने पर यह तबादले हो सकेंगे। अब स्कूल भी खुल गए लेकिन तबादलों का कोई जिक्र नहीं होने पर शिक्षक मायूस हो गए थे। इनकी मायूसी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद तोड़ दिया गया है। अब अंतर जनपदीय तबादलों को मंजूरी मिलने से शिक्षकों में खुशी है।
शासनादेश के जारी होने पर तबादले के इच्छुक करीब 45000 शिक्षकों ने आनलाइन आवेदन कर दिया और बेसिक शिक्षा विभाग ने भी अपनी सारी प्रक्रिया को पूरा कर लिया था, लेकिन तबादले की अंतिम सूची के प्रकाशन पर कोरोना वायरस की छाया पड़ गई और इसे रोक दिया गया।