फर्रुखाबाद: कोरोना वायरस ने कुछ तो बदला है..। रिश्तों की गर्माहट बदली है, तो लोगों का देखने का नजरिया भी। पड़ोसी अब आंखों में नहीं चुभता, मोहल्ले में बंधी गाय से अब मोहल्लेवासियों का ऐतराज कम हो गया है। भाई का भाई से प्रेम बढ़ा है। बहुओं ने सास की सेवा बढ़ा दी है। पुलिस का हर कदम आम लोगों को अब गलत नहीं लगता।
हालांकि पिछले तीन दिनों में पुलिस कर्मियों के लोगों के प्रति सेवा भाव को देखकर लगता है कि खाकी वर्दी के अंदर भी एक दिल छिपा है। पुलिस ने सेवा-समर्पण में अपना सर्वोच्च लगा दिया है। बीस घंटे समाज के लिए देकर खाकी कोरोना से जंग लड़ने में लगी है। मामूली बात पर एफआइआर दर्ज कर जेल भेजने वाली खाकी का दिल पसीज चुका है। वह जहां भूखों को देख रही है, उन्हें पेट भर भोजन करवा रही है। कोरोना को लेकर प्रधानमंत्री ने 14 अप्रैल तक का लॉकडाउन लागू कराया है। ऐसे में संपन्न लोग तो घरों में हैं, लेकिन गरीब व दहाड़ी मजदूर फंसे हुए हैं।
दिल्ली या अन्य प्रदेशों से पंहुचने वाले लोगों के प्रति खाकी नरम है| रविवार को सेन्ट्रल जेल चौकी इंचार्ज राजेन्द्र चौधरी ने अपने साथी पुलिस कर्मियों के सहयोग से सेन्ट्रल जेल चौराहे पर पंहुचे और भूखों को पैकेट बांटे और कुछ को अपने हाथ से भोजन कराया। इस दौरान खाना खाने वाले बुजुर्ग के आंखों से आंसू छलक गए। शहर की सभी थाना पुलिस अपने-अपने स्तर से गरीबों को खाद्य सामग्री सहित दवा इत्यादि भी पहुंचा रही है।
भोजन वितरण करने में सिपाही राहुल कुमार, रविन्द्र कुमार, अगर चौधरी, विपिन सोमबंशी, जितेन्द्र कुमार, हरदेव सिंह व स्थानीय निवासी डॉ० संजीब त्रिपाठी नें सहयोग किया|