सुकमा में नक्सली हमला, महेंद्र कर्मा समेत 29 की मौत

Uncategorized

सुकमा। छत्तीसगढ़ में हुए नक्सली हमले से प्रदेश कांग्रेस को तगड़ा झटका लगा है। हमले में आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के सीएम पद के दावेदार माने जा रहे महेंद्र कर्मा की मौत हो गई, जबकि वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल जख्मी हो गए हैं। ये सभी नेता आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर परिवर्तन यात्रा निकाल रहे थे-और इनका प्रदेश की सियासत में बड़ा रुतबा था।
26-may-aatack-new
महेंद्र कर्मा की हत्या को नक्सलियों के बदले की बड़ी कार्रवाई कहा जा सकता है, क्योंकि 2005 में महेंद्र कर्मा ने ही नक्सलियों के खिलाफ सलवा जुडुम आंदोलन शुरू किया था। बाद में सलवा जुडुम के लड़ाकों को राज्य सरकार ने स्पेशल पुलिस ऑफिसर के तौर पर भर्ती कर उसे सरकारी जामा पहनाने की कोशिश की। लेकिन इसकी आलोचना भी होनी शुरू हो गई।

[bannergarden id=”8″]
जुलाई 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे संगठन को असंवैधानिक और गैरकानूनी करार दे दिया। इसके बाद सलवा जुडम खत्म कर दिया गया। लेकिन सलवा जुडूम के गठन की वजह से महेंद्र कर्मा लंबे वक्त से नक्सलियों के निशाने पर थे। 8 नवंबर 2012 में भी नक्सलियों ने बारूदी सुरंग के धमाके में महेंद्र कर्मा को मारने की नाकाम कोशिश की, लेकिन इस बार वो कामयाब रहे।

[bannergarden id=”11″]
महेंद्र कर्मा की मौत आगामी चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस को बड़ा झटका माना जा रहा है, क्योंकि उन्हें कांग्रेस का सीएम पद का बड़ा दावेदार माना जा रहा था। कर्मा 2003 से 2008 तक छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता विपक्ष भी रहे। साल 2000 से 2004 के बीच वो अजित जोगी सरकार में इंडस्ट्री और कामर्स मिनिस्टर भी थे।

महेंद्र कर्मा की मौत पर अजित जोगी ने कहा है कि उन्हें पहले से ऐसे हमले का अंदेशा था। नक्सली हमले में 84 साल के वरिष्ठ कांग्रेसी नेता विद्याचरण शुक्ल भी गंभीर रूप से जख्मी हो गए हैं। 1957 में पहली बार चुनाव जीतने वाले विद्याचरण शुक्ल तब सबसे कम उम्र में सांसद बने थे। 1957 के बाद विद्याचरण शुक्ल 9 बार संसद में पहुंचे।1966 में इंदिरा गांधी ने विद्याचरण को पहली बार कैबिनेट में जगह दी।