फर्रुखाबाद : जनपद स्तर पर चल रहे पीआरडी जवानों की समस्याओ की जांच के लिए आये सहायक कमांडेंट ने जैसे ही विकास भवन में कदम रखा वैसे ही वर्षों से पर्याप्त मानदेय व वर्दी न मिलने से त्रस्त पीआडी जवानों का गुस्सा टूट पड़ा व उन्होंने कमांडेंट के सामने ही जमकर नारेबाजी कर अपने ही विभागीय कर्मचारियों पर घूस लेकर तैनाती करवाने का आरोप लगा दिया। वहीं सहायक कमांडेंट ने जांच के दौरान जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी की जमकर क्लास लगा दी।
सहायक कमांडेंट रामश्रंगार तिवारी तैनाती में फर्जीबाड़े की जांच के अलावा बगैर सूचित किये डीओ द्वारा पीआरडी जवानों के मानदेय में 126 की जगह 160 रुपये का प्रस्ताव शासन को भेजने की गहनता से जांच करने पहुंचे। जैसे ही श्री तिवारी ने अपने कार्यालय में प्रवेश किया, मौके पर मौजूद आधा सैकड़ा से अधिक पीआरडी जवानों का गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने सहायक कमांडेंट आर एस तिवारी व डीओ अरविंद स्वरूप कुशवाह के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में महानिदेशक प्रांतीय रक्षक दल लखनउ को संबोधित ज्ञापन सौंपा। जिसमें जिला युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी द्वारा अवैध वसूली करने का आरोप लगाया गया था। कलौली थाना नबावगंज निवासी शिवपाल सिंह ने लिखित रूप से सहायक कमांडेंट को अवगत कराया कि युवा कल्याण एवं प्रांतीय रक्षक दल अधिकारी पीआरडी जवानों से एक एक हजार रुपये वसूली ड्यूटी पर भेजने के लिए करते हैं। जवानों ने कहा कि वैसे भी पीआरडी जवान आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। उसके साथ अवैध वसूली कर विभाग उसका शोषण कर रहा है। जिला कमांडेंट अरविंद स्वरूप कुशवाह मनमानी के चलते पीआरडी जवानों का शोषण कर रहे हैं। यह बात पीआरडी जवान बिलकुल बर्दास्त नहीं करेंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशिक्षित जवान ड्यूटी के लिए कार्यालय में चक्कर लगा रहे हैं जबकि अधिकांश ड्यूटी स्थलों पर सशस्त्र जवान ड्यूटी पर लगा दिये गये लेकिन राइफलों की अनुमति किसी भी अधिकारी से नहीं ली गयी।
इसके अलावा सहायक कमांडेंट श्री तिवारी ने डीओ की जमकर क्लास लगायी। उन्होंने बिना किसी जानकारी के शासन को 126 से बढ़ाकर 160 रुपये का प्रस्ताव कैसे भेज दिया। जिस बात पर सहायक कमांडेंट ने खासी नाराजगी जतायी। इस बात पर सहायक कमांडेंट रामश्रंगार तिवारी ने बताया कि डीओ ने अपने मन से 160 रुपये प्रति जवान किये जाने का प्रस्ताव भेज दिया है। जिसकी शिकायत मिलने पर मैं फर्रुखाबाद पहुंचा।
उन्होंने बताया कि डीओ को इस तरह का प्रस्ताव भेजने का कोई अधिकार नहीं है। इसके अलावा शिकायत किसने की इस बात पर श्री तिवारी बोले कि राज्य के पीआरडी मंत्री की तरफ से ही डीओ के लिए बगैर अधिकार के प्रस्ताव भेजने की शिकायत की गयी थी। जिसकी जांच रिपोर्ट वह लखनउ में दे देंगे। इसके अलावा रिश्वत लेने की बात पर भी श्री तिवारी चुप्पी साध गये।