रामताल आश्रम पर वर्चस्व को लेकर दो महंत आमने सामने

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फर्रुखाबाद: नबावगंज थाना क्षेत्र के ग्राम कक्युली में स्थिल हरिहरदास संत आश्रम रामताल की करोड़ों की भूमि व लाखों रुपये प्रतिमाह आने वाले चढ़ावे पर बर्चस्व को लेकर दो महंतों में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। महंतों के विवाद में बीते एक माह पूर्व भी कुछ लोगों में आश्रम पर फायरिंग की घटना हो चुकी है। महंतों में अदालत से लेकर क्षेत्र के लोगों के माध्यम से जंग छिड़ी हुई है। जिसके लिए बीते दिनों नीमकरोरी मंदिर के महंत सुशील दुबे द्वारा धारा 145, 146 की कार्यवाही करने की सीओ मोहम्मदाबाद से मांग की थी। जिसका दूसरे महंत व संत विरोध कर रहे हैं।

थाना नबावगंज क्षेत्र के रामताल कक्युली स्थित बाबा हरिदास संत आश्रम के महंत बाबा बालकदास ने जिलाधिकारी से भेंट कर नबावगंज स्थित आश्रम पर अवैध कब्जे की शिकायत की।

इस दौरान बाबा बालकदास ने जिलाधिकारी को अवगत कराया कि बाबा हरिदास रामताल आश्रम, रामजानकी मंदिर कक्युली का मुख्य पुजारी व महंत उक्त आश्रम पर सैकड़ों वर्षों से गुरु शिष्य परम्परा के अनुसार महंत की नियुक्ति होती चली आ रही है किन्तु गनीपुर नबावगंज निवासी राजीव रंजन श्रीवास्तव व उसी गांव का निवासी राजू अवस्थी मंदिर की भूमि पर कब्जा करने की फिराक में थे। जिसकी जानकारी महंत अबधेश कुमार दास को होने पर उसके आश्रम आने पर रोक लगा दी गयी थी। जिसके बाद आरोपी राजीव रंजन ने महंत की बंदूक पकड़वाकर उनके ऊपर मुकदमा लगवाया था। इसके अलावा उच्च न्यायालय इलाहाबाद में मोहम्मदाबाद नीमकरोरी मंदिर के महंत सुशील दास ने कब्जे के उद्देश्य से रिट दायर की लेकिन न्यायालय ने इसे खारिज कर दिया। जिस पर महंत सुशील द्विवेदी ने मोहम्मदाबाद सीओ को प्रार्थनापत्र देकर सीआरपीसी की कार्यवाही कराने का प्रयास किया जिससे पूजा अर्चना इत्यादि प्रभावित हो सके। बाबा बालकदास एवं सन्त समाज बाबा हरिहरदास ने सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि आश्रम को धारा 145, 146 से मुक्त रख राजीव रंजन श्रीवास्तव, राजू अवस्थी, सुशील कुमार द्विवेदी के विरुद्व कार्यवाही की जाये।

जानकारी के अनुसार पूरा मामला रामताल आश्रम की भूमि व मंदिर पर आने वाले लाखों रुपये के चढ़ावे को लेकर बताया जा रहा है। जहां एक ओर नीमकरोरी मंदिर के महंत सुशील दुबे व उनके समर्थक अपना अस्तित्व कायम करने की जुगत भिड़ा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ बाबा बालकदास व उनके समर्थक अपना अस्तित्व बरकरार रखना चाहते हैं। इसी के बीच महंतों में जंग छिड़ी हुई है।