फर्रुखाबाद: शहर के मोहल्ला सुनहरी मस्जिद स्थित कोटेदार के घर पर मिट्टी के तेल से नकली डीजल बनाने की फैक्ट्री पकड़ी गयी।
जिलाधिकारी की सख्ती के चलते राशन पर मिलने वाले खाद्यान्न और कैरोसिन की कालाबाजारी के गोरख धन्धे की परतें खुलने लगीं हैं। बुधवार को सटीक सूचना के आधार पर जिलाधिकारी ने छापा मारकर शहर के बीचोबीच स्थित सुनहरी मस्जिद मोहल्ले में एक कोटेदार रवी पालीवाल के यहां छापा मारा। छापे के दौरान हजारों लीटर कैरोसिन के अतिरिक्त मिट्टी के तेल से डीजल बनाने के उपकरण व नकली डीजल बरामद हुआ है। पूर्ति विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंच गये हैं।
छापेमारी के कुछ देर बाद जिलाधिकारी मुथुकुमार स्वामी भी सुनहरी मस्जिद स्थित मिट्टी के तेल के कारखाने पहुंचे। जहां उन्होने जिला पूर्ति अधिकारी की जमकर क्लास लगायी। कि इतनी मात्रा में तेल इसके पास आया कहां से।
बताते चलें कि बीती रात छापेमारी के दौरान राजेपुर निवासी मुकेश गुप्ता पुत्र ग्रीश बाबू को पुलिस ने मिट्टी का तेल व नकली डीजल सहित पकड़ लिया था। जिसके साथ में ब्रहमशंकर गुप्ता निवासी अल्लागंज भी था। पुलिस की पूछताछ के बाद मुकेश गुप्ता ने बताया कि सुनहरी मस्जिद निवासी रवी पालीवाल के यहां से हम लोग डीजल व मिट्टी का तेल खरीदते हैं। जिस पर जिलाधिकारी के निर्देश पर रवी पालीवाल के यहां छापा मारकर दुकानदार रवी पालीवाल पुत्र विजेन्द्र पालीवाल व उसके सहगिर्द लल्ला सिंह के अलावा मुकेश गुप्ता व ब्रहमशंकर गुप्ता को भी गिरफ्तार कर लिया।
जिलाधिकारी ने दुकानदार रवी पालीवाल पर सख्त कार्यवाही के निर्देश दिये। छापेमारी के दौरान जिलाधिकारी को पता चला कि रवी पालीवाल के भाई के पास राशन के कोटे की दुकान है तो जिलाधिकारी को यह बात समझते जरा भी देर नहीं लगी कि तेल सप्लाई कराने में रवी के भाई पुनीत पालीवाल की अहम भूमिका है। जिस पर उन्होंने जिला पूर्तिअधिकारी आर एन चतुर्वेदी को कोटे से सम्बंधित मोहल्लों के कार्ड मंगाकर जांच करने का आदेश दिया। साथ मे यह भी कहा कि अगर कोटेदार का तेल माफिया से मिले होने व कोटे पर तेल न बांटने की बात सोने आती है तो तत्काल पुनीत पालीवाल का कोटा निलंबित कर दिया जायेगा।
एडीएम कमलेश कुमार, जिला पूर्ति अधि कारी आर एन चतुर्वेदी, मउदरवाजा थाना प्रभारी हरपाल सिंह को मौके से मिट्टी के तेल से डीजल बनाने वाला केमिकल व अन्य सामान मिला है। फिलहाल सम्बंधित दुकानदार रवी पालीवाल के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिये गये हैं।
कैसे बनता है मिट्टी के तेल से डीजल?
दो का पहाड़ा तो आपने सुना ही होगा, दुक्कम दो, दो दूना चार लेकिन तेल माफियाओ के तो दो दूना आठ का हिसाब समझ में आ रहा है। सरकारी कोटों पर पूरे का पूरे ट्रैक्टर ब्लेक होकर तेल माफियाओ के पास पहुंच जाते हैं। रेट होता है तकरीबन १६ रुपये प्रति लीटर। इसके बाद एक केमिकल पाउडर मिट्टी के तेल में मिलाने से मिट्टी के तेल की महक बिल्कुल चली जाती है। इसके बाद इसी तेल में जला हुआ गेयर आयल मिलाकर इसको गाड़ा किया जाता है। केमिकल के द्वारा इस गाढे तरल को नकली डीजल में बदल दिया जाता है और 16 रुपये प्रति लीटर खरीदा गया मिट्टी का तेल मार्केट में धड़ल्ले से प्रशासन की आंखों में धूल झोंक कर ४२ रुपये प्रति लीटर के हिसाब से बिकता है।