मैडम कर रहीं ऐश, ठेके पर पढ़ा रही युवती, ब्लैकबोर्ड पर छुट्टी की एपलीकेशन

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फर्रुखाबाद: नये डीएम की सख्ती के बावजूद बेसिक शिक्षा का हाल देखिये। शिक्षक विहीन प्राथमिक वि़द्यालय बनपोई से संबद्ध लगभग 25 हजार रुपये मासिक वेतन मुफ्त में लेकर मैडम मजे से घर पर  ऐश कर रही हैं। स्कूल के ब्लैक बोर्ड पर मैडम प्रिया गु्प्ता के आकस्मिक अवकाश का प्रार्थनापत्र अंकित है, जिस पर उनके द्वारा ठेके पर नियुक्त एक युवती अल्का रोज आकर केवल तारीख बदल देती है। विद्यालय के लगभग आधा सैकड़ा बच्चे केवल इसी युवती अल्का व रसोइया राजवती-रामवती के भरोसे हैं।

विकासखण्ड मोहम्मदाबाद के प्राथमिक विद्यालय वनपोई में कार्यरत एक मात्र प्रधानाध्यापिका राममूर्ति पाल का स्थानांतरण जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फर्रुखाबाद द्वारा बढ़पुर विकासक्षेत्र की सीमा से लगे प्राथमिक विद्यालय नगला चूड़ा में किये जाने एवं शिक्षिका के कार्यमुक्त हो जाने से अगस्त माह में प्राथमिक विद्यालय वनपोई शिक्षक विहीन हो गया था। शिक्षक विहीन प्राथमिक विद्यालय वनपोई में किसी भी शिक्षामित्र की भी नियुक्ति नहीं है।

मोहम्मदाबाद मुख्य मार्ग के सड़क किनारे बसे ग्राम बनपोई के शिक्षक विहीन प्राथमिक विद्यालय में खण्ड शिक्षा अधिकारी मोहम्मदाबाद द्वारा प्राथमिक विद्यालय ज्यौंता की सहायक अध्यापिका प्रिया गुप्ता को सम्बद्ध कर विद्यालय में शिक्षण कार्य करने की जिम्मेदारी दी गयी। प्रिया गुप्ता मैडम अपनी प्रथम नियुक्ति से ही अपने मूल विद्यालय ज्यौंता में भी कभी कभी स्कूल आती थीं। अधिकांश समय प्राथमिक विद्यालय ज्यौंता में चिकित्सीय अवकाश एवं प्रसूतकालीन अवकाश पर रहीं। प्राथमिक विद्यालय वनपोई में भी मैडम ने कभी_कभी विद्यालय जाने वाला रवैया अपनाया। मैडम ने वनपोई गांव की ही स्थानीय युवती अलका पुत्री कप्तान सिंह को अपने स्थान पर शिक्षण कराने हेतु ठेके पर नियुक्त कर दिया। विद्यालय के अभिलेख आदि सभी अपने पास रखतीं हैं। मैडम ठेके पर नियुक्त की गयी युवती से अपने आकस्मिक अवकाश पर रहने की सूचना श्यामपट पर अंकित करा देती हैं, जिसे अगले दिन केवल तारीख बदलती है। इससे साफ है कि मैडम ने गांव की युवती अलका को पढ़ाने के लिए कम ब्लैकबोर्ड पर लिखी छुट्टी की एप्लीकेशन की तारीख बदलने के लिए ठेके पर रख छोड़ा है।

विद्यालय में पढ़ रहे बच्चे रचना, कौशिकी, सपना, शिवांकी, प्रियंका, अर्चना आदि ने बताया कि हमने मैडम को कभी_कभी देखा है। हमको केवल अलका दीदी ही पढ़ाती हैं। विद्यालय की रसोइया रामवती व राजवती, आगनबाड़ी कार्यकत्री संगीता ने दबी जुबान से बताया कि “मैडम जा कैगई थीं कि कोई पूंछन आवै तौ जा कइयौ कि उनके बच्चा होन कौ है”

प्राथमिक विद्यालय ज्योंता के प्रधानाध्यापक रामप्रकाश ने बताया कि प्रिया गुप्ता को आज से लगभग 6 माह पूर्व बंद चल रहे प्राथमिक विद्यालय वनपोई से खण्ड शिक्षा अधिकारी ने सम्बद्ध किया था। तब से उनकी उपस्थिति इस विद्यालय से नहीं जा रही है। जबकि विकासखण्ड मोहम्मदाबाद के विभागीय लिपिक राजेश पाल ने बताया कि प्रिया गुप्ता प्राथमिक विद्यालय ज्योंता में तैनात है वहीं से उनकी नियमित रूप से उपस्थिति आती है व वहीं से वेतन भुगतान होता है। इस सम्बंध में खण्ड शिक्षा अधिकारी वेदप्रकाश यादव से बात करनी चाही तो उनके फोन पर घंटी जाती रही, फोन नहीं उठा।

मजे की बात है कि प्रिया गुप्ता विगत 26 दिसम्बर से लगातार प्राथमिक विद्यालय वनपोई से मध्यान्ह भोजन की सूचना दर्ज करा रही हैं। आज शनिवार को भी उन्होंने विद्यालय में 52 बच्चों के मध्यान्ह भोजन खाने की सूचना एमडीएम एथॉरिटी को दर्ज करायी। जबकि वास्तव में मात्र 15-16 बच्चे ही उपस्थित थे।

इस सम्बन्ध में जब मैडम प्रिया गुप्ता से फोन पर सम्पर्क किया गया तो वह किसी अलका नाम की युवती से परिचित होने से ही मुकर गयीं। उन्होंने बताया कि गर्भवती होने के कारण वह कभी-कभार स्कूल नहीं जा पातीं हैं। शनिवार को भी स्वयं के अवकाश पर होने की बात उन्होंने स्वीकार की। ब्लैकबोर्ड पर एप्लीकेशन लिखने के विषय में उन्होनंे कहा कि सूचनापट के तौर पर उन्होंने इसका उपयोग किया है। क्योंकि विद्यालय में कोई अन्य अध्यापक नहीं है। इसलिए पत्रव्यवहार रजिस्टर व अन्य अभिलेख अपने साथ ही रखती हूं। विद्यालय में वास्तविक उपस्थिति से कई गुना अधिक छात्रों की सूचना एमडीएम में दर्ज कराने के विषय में उन्होंने काफी व्यावहारिक रुख अपनाते हुए कहा कि यदि वास्तविक सूचना भेजी जायेगी तो विद्यालय में आने वाला राशन और भी कम हो जायेगा, वैसे भी राशन काफी कम आता है।

मैडम प्रिया गुप्ता का विभागीय इतिहास भी काफी रोचक
प्रिया गुप्ता मूल रूप से कानपुर की रहने वाली हैं। कभी कभार अपने निजी वाहन मार्शल जीप से आती थीं। इनकी एक तत्कालीन विभागीय जिला समन्वयक राजीव गुप्ता से काफी करीबी थी। एक बार राजीव गुप्ता इनके मूल विद्यालय प्राथमिक पाठशाला ज्यौंता में जाकर उपस्थिति पंजिका व पत्रव्यवहार रजिस्टर के पन्ने भी फाड़ लाये थे। जिन पर प्रिया गुप्ता के पूर्व में लिये गये प्रसूता अवकाश का उल्लेख था। इस सम्बंध में विद्यालय की शिक्षामित्र वंदना सिंह व सुनील बाबू, तत्कालीन एनपीआरसी राकेश सिंह राठौर ने बेसिक शिक्षा अधिकारी को 24 सितम्बर 2009 को लिखित रूप से अवगत भी कराया था परन्तु जिला समन्वयक राजीव गुप्ता की तत्कालीन बीएसए की घनिष्ठता के चलते इस पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।

दो वर्ष बाद भी शौचालय निर्माण पूर्ण नहीं

प्राथमिक विद्यालय वनपोई में सम्बद्ध शिक्षक की उपस्थिति की अनियमितता के अलावा यहां कई अन्य समस्यायें भी हैं। विद्यालय के भवन का निर्माण दो वर्ष पूर्व हुआ था। भवन प्रभारी द्वारा विद्यालय का शौचालय आज तक पूर्ण नहीं किया गया है। शौचालय में दरबाजे नहीं लगाये गये हैं। एक मात्र शौचालय में रखी सीट पर गंदगी होने के कारण महिला शिक्षिका, रसोइया, आंगनबाड़ी कार्यकत्री व छात्राओ को शौच के लिए खेतों में जाना पड़ता है।

विद्यालय की चाहरदीवारी का गेट नदारद है। विद्यालय में लगा हैन्डपम्प पानी छोड़ गया है। वहीं विद्यालय तक पहुंचने का रास्ता भी बरसात में बंद हो जाता है।