बंद कमरे में एडी ने लिये प्रसूता के बयान

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दोषियों पर होगी कार्यवाही: ए डी
फर्रुखाबादः अपर स्वास्थ्य निदेशक कानपुर ने आज लोहिया अस्पताल पहुंचकर प्रसूता की शिकायत पर बंद कमरे में वयान दर्ज किये व टरका दिया। पीड़ित प्रसूता पुष्पादेवी पत्नी हरिओम कश्यप ने कहा कि साहब ने कार्यवाही करने की बात कही तो है लेकिन मुझे नहीं लगता कि कार्यवाही होगी।

तकरीबन एक वर्ष पूर्व 26 नवम्बर 2010 को प्रसव पीड़ा से कराहती हुई महिला पुष्पा जब लोहिया अस्पताल के महिला बार्ड में दाखिल हुई तो उसका दर्द से बुरा हाल था। लेकिन बेदर्द हो चुके लोहिया अस्पताल के कर्मचारियों ने उसकी बात को नहीं सुना तो उसने ड्यूटी पर तैनात डा0 अचला से भर्ती होने की बात कही। इतनी बात पर डा0 अचला विफर गयीं और बेखौफ मरीज पर तर्राकर बोलीं कि सरकार द्वारा चलायी गयीं योजनाओं ने तो मेरा खून पी रखा है। 1400 रुपये क्या मिलते हैं जिसको देखो वह यहीं मरने चला आता है।
काफी हाथ जोड़ने के बाद भी डाक्टर अचला का कलेजा एक महिला होते हुए भी महिला के लिए नहीं पसीजा और उन्होंने उससे अपना मुहं मोड़ लिया। यह नजारा देख रहा उनका एक चतुर्थश्रेणी कर्मचारी डाक्टर के आगे पीछे होने के बाद प्रसूता पुष्पा से बोला कि अगर जेब में दम है तो 500 रुपये डाक्टर को पेशगी दे दो तो अभी डाक्टर आपको भर्ती कर लेंगे। लेकिन बेचारी पुष्पा के पास रुपया न होने से वह सिर्फ मुंह ताकती रह गयी। फिर उसने अन्य जगह पर अपना प्रसव कराया।

लेकिन डाक्टर की इस लापरवाही के लिए कमर कस चुकी पुष्पा ने स्वास्थ्य मंत्री को शिकायतीपत्र लिख डाला। लेकिन पुष्पा के बच्चे की उम्र तकरीबन एक वर्ष हो जाने के बाद शिकायतीपत्र पर सरकार हरकत में आयी और उन्होंने आज अपर स्वास्थ्य निदेशक कानपुर मण्डल डा0 यूसी सिन्हां को जांच के लिए भेजा।
लेकिन विभाग के प्रति पक्षपात साफ नजर आया। मीडियाकर्मियों को वयान दे रहे पीड़ितों से दूर ही रखा गया। एडी ने महिला चिकित्साधिकारी के दफ्तर के अंदर वयान दर्ज किये। एक मीडियाकर्मी इस दौरान घुसा तो एडी साहब अपने एक कर्मचारी पर जमकर बरसे। तत्पश्चात कर्मचारी मीडियाकर्मियांे को साधे खड़ा रहा। कमरे के दरबाजे बंद थे।
जांच के बाद पत्रकारों को एडी ने मख्खन लगाते हुए कहा कि जांच में अगर सम्बंधित डाक्टर दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ विभागीय कार्यवाही होना तय है। इस दौरान लोहिया अस्पताल की कुक ममता ने भी ठेकेदार फूलसिंह की शिकायत एडी से की। एडी ने इस बात की जांच कराने की बात कहकर मामला टाल दिया। सीएमएस ए के पाण्डेय व महिला सीएमएस सुमन सिहं के अलावा अन्य कई लोगों से बंद कमरे में एडी ने तकरीबन एक घंटे मंत्रणां की।