एसबीआई की लखनऊ शाखा ने पुलिस को कंप्यूटर देने से मना कर दिया

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फर्रुखाबाद: पुलिस टीम ने सोमवार को अभियुक्त अभिलाष गुप्ता को यहां से लखनऊ की अलीगंज शाखा ले जाकर जांच की। लेकिन बैंक अधिकारियों ने कंप्यूटर देने से पुलिस को मना कर दिया। पुलिस सूत्रों के अनुसार 64 लाख रुपये के फ्राड में मास्टर माइंड अभिलाष गुप्ता ने लखनऊ के अलीगंज स्थित स्टेट बैंक की एलसीपीसी (रिकार्ड शाखा) के कंप्यूटर से ही हेराफेरी कर झांसी शाखा के रुपये यहां के कादरीगेट निवासी अरविंद कुमार व उसकी पत्नी मिथलेश के खाते में स्थानांतरित किये थे।,

विदित है कि विगत सात दिसंबर को शहर कोतवाली के कादरीगेट निवासी अरविंद कुमार व पत्नी मिथलेश ने स्टेट बैंक रेलवे रोड शाखा के बचत खाते में झांसी स्टेट बैंक से 65 लाख 98 हजार 609 रुपये स्थानांतरित किए गये थे। खातेदार दंपती के हस्ताक्षर किए हुए चेकों से अगले दिन 8 दिसंबर को 64 लाख रुपये का भुगतान भी हो गया था। शाखा प्रबंधक ने उसी दिन कोतवाली में घटना के मास्टरमाइंड अभिलाष गुप्ता निवासी जयनरायन वर्मा रोड व खातेदार दंपती के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करायी थी। अभिलाष इन दिनों 6 दिन के पुलिस कस्टडी रिमांड पर हैं। शहर कोतवाली के एसएसआई अशोक कुमार उपाध्याय व मुकदमे के विवेचक पल्ला चौकी प्रभारी प्रेम प्रकाश सोमवार सुबह अभिलाष को लेकर लखनऊ गये थे।

अभिलाष बैंक में डाटा फीडिंग का ठेकेदार है। सात दिसंबर को उसने लखनऊ के अलीगंज स्थित बैंक की एलसीपीसी शाखा के कंप्यूटर से आईडी हैक कर दंपती के खाते में डाले थे। पूछताछ में उसने इसका खुलासा किया है। पुलिस टीम ने दोपहर बाद उस शाखा में पहुंचकर छानबीन शुरू की। एलसीपीसी शाखा में बैंक का रिकार्ड रखा जाता है। उसमें रुपये का लेनदेन नहीं होता।

पता चला है कि बैंक अधिकारियों ने पुलिस टीम को हेराफेरी में प्रयुक्त कंप्यूटर देने से मना कर दिया। बैंक अधिकारियों ने विभागीय जांच चलने की जानकारी पुलिस को दी है। अभिलाष रिकार्ड शाखा में ही डाटा फीडिंग का काम करता था। वहीं बैठकर उसने अपने शातिर दिमाग का उपयोग कर कंप्यूटर से हेराफेरी की है। दंपती के खाते में अभी 1.98 लाख रुपये धोखाधड़ी का मौजूद है। बैंक के खाते के लेनदेन पर रोक लगा रखी है। पुलिस टीम देर शाम तक लखनऊ में ही रुककर छानबीन कर रही है।