खुलासा- UPTET परीक्षा में प्राइवेट कंपनी का खेल, लाखों की किस्मत का बंटाधार

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फर्रुखाबाद: प्रदेश में UPTET के नाम पर OMR शीट जांचने व रिजल्ट बनाने में हुए गड़बड़झाले में सरकारी अधिकारियों के साथ-साथ परीक्षा के आयोजन के लिए अनुबंधित प्राइवेट कंपनी के खेल से भी इनकार नहीं किया जा रहा है। जिस निजी कंपनी को माध्यमिक शिक्षा परिषद से अपनी रिजल्ट बनाने का काम दिया उसने अन्य खामियों के अतिरिक्त “WebHitting” बढ़ाने के लिये सरकारी वेबसाइट जिस पर UPTET से सम्बन्धित जानकारी और का परिणाम घोषित हुआ उस पर न केवल अपनी बेबसाइट का tag छिपा दिया बल्कि पूरी परीक्षा प्रणाली की गोपनीयता भी भंग का दी| पूरा मामला इतने “HighLevel” का है कि अब उत्तर प्रदेश के माध्यमिक शिक्षा परिषद् की सचिव स्तर तक की अधिकारी इस मामले में मुंह खोलने को तैयार नहीं हैं।

एनसीटीई के निर्देश पर प्रदेश में माध्यमिक शिक्षा परिषद द्वारा पहली बार करायी गयी यूपीटीईटी की परीक्षा में जिस प्रकार की खामियां सामने आयी हैं उनमें से अनेक गंभीर मामलों को अब नौसिखियापन से ज्यादा जानबूझकर किये गया खेल माना जा रहा है। इतना ही नहीं इस खेल में बेबसाइट सञ्चालन से लेकर, ओएमआर बनाने जांचने, आनलाइन प्रवेशपत्र व आनलाइन रिजल्ट बनाने जैसे अनेक तकनीकी कामों के लिये शासन ने एक निजी कंपनी से जिस तरह से काम लिया वह भी अब सवालों के घेरे में है।

माध्यमिक शिक्षा परिषद ने पहले तो सरकारी संस्था “NIC” को दरकिनार कर एक निजी कंपनी को वेबसाइट बनाने का काम दे दिया। हद तो यह है कि अधिकारिक वेबसाइट http://www.uptet2011.com/ का रजिस्ट्रेशन आज तक माध्यमिक शिक्षा परिषद के नाम पर न होकर दिल्ली ओखला की एक निजी कंपनी के नाम पर है। गोपनीयता के नाम पर OMR शीट जांचने व रिजल्ट बनाने के का काम जिस गुपचुप ढंग से निजी कंपनी को दिया गया उसका नतीजा सबके सामने है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये काम भी बिना किसी टेंडर या परतियोगिता कराये सिफारिश पर दिया गया| एक ही प्रश्न का उत्तर अलग अलग ओएमआर शीट पर अलग-अलग होने ने इस निजी कंपनी की सत्यनिष्ठा व कार्यकुशलता दोनों की पोल खोल दी है। मजे की बात तो यह है कि रिजल्ट मैनेज कर रही निजी कंपनी ने सरकारी वेबसाइट पर बड़ी सफाई से UPTET 2011 की परीक्षा से सम्बधित डाटा भी अधिकारिक वेबसाइट http://www.uptet2011.com/ पर न रखकर अपनी निजी वेबसाईट के IP Address 67.199.120.77 द्वारा दिखाया और पूरा डाटा अपनी निजी साईट पर रखा| दिखावे के लिए अधिकारिक वेबसाइट http://www.uptet2011.com/ को केवल लिंक लगाने के लिए इस्तेमाल किया गया| इंटरनेट का जरा सा भी जानकार UPTET के result साईट पेज प्रोपर्टी (रिजल्ट वाले पेज पर) चेक करके ये जान सकता है कि ये काम किस कम्पनी के पास है| इस तरह से पूरी परीक्षा प्रणाली की न केवल गोपनीयता भंग हुई बल्कि इस बात की सम्भावना भी बढ़ जाती है कि छात्रो ने कम्पनी से सम्पर्क करके अनुचित लाभ देकर अपना परिणाम बदलवा लिया हो| इसी के साथ साथ निजी कम्पनी ने गूगल अनालिटिक कोड भी सरकारी वेबसाईट पर चुपके से छुपाकर लगाया और यूपीटीईटी का रिजल्ट दिखाने के नाम पर सरकारी वेबसाइट पर आने वाले लाखों अभ्यर्थियों की “हिटिंग” का सीधा लाभ यह निजी कंपनी उठाती रही। इंटरनेट की दुनिया से अनभिज्ञ लाखों लोग भले ही यह नहीं जानते कि वेबसाइट पर हिटिंग का कितना परोक्ष व अपरोक्ष लाभ होता है मगर जानकारों के अनुसार इसमें करोडो का नुकसान नफा होता है| जाहिर है कि जब इतना सब कुछ हुआ तो फिर रिजल्ट में हुई गड़बड़ियों या हेराफेरी को भी केवल त्रुटि कह कर टालना अनाड़ीपन या नूरा कुश्ती का दांव ही कहा जायेगा।

यह पूरा गड़बडझाला कुछ इतने ऊंचे स्तर पर हुआ कि अब माध्यमिक शिक्षा परिषद की सचिव प्रभा त्रिपाठी तक इस मुद्दे पर लाचारी दिखा रही हैं। जेएननआई से वार्ता के दौरान पहले तो उन्होंने इन सारे आरोपों का बड़ी सफाई से खंडन कर दिया परंतु बाद में बिंदुवार उनको कुरेदने पर वह बड़ी लाचारी के साथ बोलीं कि “ देखिये जो आप पूछना चाह रहे हैं, बस वह मैं कह नहीं पा रहीं हूं”।

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