557 करोड़ का काशी को मोदी का ‘रिटर्न गिफ्ट’

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वाराणसी :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाराणसी को बड़ा रिटर्न गिफ्ट देने के बाद जनसभा को संबोधित किया। बीएचयू के एम्फीथियेटर ग्राउंड में उन्होंने वाराणसी को पूर्वी भारत के गेट-वे के रूप में विकसित करने की अपनी योजना के बारे में भी बताया।
प्रधानमंत्री ने अपने करीब 48 मिनट के संबोधन में सियासी बातों से पूरी तरह परहेज किया। इस दौरान उन्होने बतौर सांसद सवा चार सालों में अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कराए गए विकास कार्यों का एक तरह से रिपोर्ट कार्ड पेश किया और कहा कि यह तो एक छोटी सी झलक है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएचयू एम्फीथिएटर, में 557 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया।
उन्होंने कहा कि हम चार सवा चार साल पहले काशीवासी बदलाव के इस संकल्प को लेकर निकले थे। आज अंतर स्पष्ट दिखाई दे रहा है। उन्होंने जनसभा में बैठे लोगों से सवाल किया कि बदलाव नजर आ रहा या नहीं। उन्होंने कहा कि आज मुझे संतोष है कि बाबा विश्वनाथ के आशीर्वाद से वाराणसी को विकास की नई दिशा देने मे सफल हुए हैं। हमने वो दिनभी देखें हैं, जब यहां की व्यवस्था को देखकर बेहाल दिखता था। यह शहर भी बिजली के उलझे तारों की तरह अव्यवस्थाओं से उलझा हुआ था। आज काशी में हर जगह परिवर्तन होता दिख रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमरे काशी का लोगन हमरा के एतना प्यार देलन की मन गदगद हो जाला। बार-बार काशी आवे के मन करैला। इसके साथ ही हर-हर महादेव।विकास के कार्य बनारस शहर ही नहीं, आसपास के गांवों से भी जुड़े हैं। बिजली, पानी जैसी मूलभूत आवश्यकताओं से जुड़ी परियोनाएं तो हैं किसानों, बुनकार की योजनाएं भी शामिल है। बनारस हिंदू विश्विविद्लय को 21 वी सदी का नॉलेज सेंटर बनाने की कई परियोजनाएं शुरू की गई है। फिर यााद दिलाया-हम काशी में जो भी बदलाव लाने की कोशिश कर रहे है, उसमें काशी की परंपराओं-पौराणिकताओं को बचाते हुए किया जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यहां सांसद बनने से पहले बिजली के लटकते तारों को देखकर सोचता था इससे कब मुक्ति मिलेगी। देखिए आज शहर के एक बड़े हिस्से से बिजली के लटकते तार गायब हैं।वराणसी में चार साल के दौरान कराए गए विकास कार्यों की पूरी फेहरिस्त सुनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वारणसी में हो रहे विकास के गवाह यहां एयरपोर्ट पर आ रहे लोग भी बन गए। टूरिस्टों की तादाद लागातार बढ़ रही है। बाबतपुर एयरपोर्ट पर आने वाले की संख्या प्रतिवर्ष आठ लाख से बढ़कर 11 लाख हो गई है। यह शहर ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक के बड़े हब के तौर पर उभरने वाला है।
उन्होंने कहा कि वाराणसी ही नहीं, पास के क्षेत्रों को हर पल बिजली मिलने वाली है। एक और बिजली केंद्र के साथ लो वोल्टेज की समस्या से छुटकारा मिलेगा। वाराणसी को पूर्वी भारत के रूप में विकसित करने का प्रयास हो रहा है। इसके तहत वाराणसी वर्ल्ड क्लास की सुविधा से जोड़ने की कोशिश की जा रही है। आज काशी की सड़कों पर रात में भी मां गंगा का प्रवाह सा दिखता है। एलईडी बल्बों से रोशनी तो दिखती है, बिजली के बिल में भी कमी आई है। बनारस में रिंग रोड की चर्चा हो रही थी, लेकिन काम फाइलों में दबा हुआ था। 2014 में सरकार बनने के बाद रिंग रोड की फाइल को फिर से निकाला गया। लेकिन यूपी की पहले की सरकार ने काम आगे नहीं बढ़ने दिया गया। उनको फिक्र सता रही थी कि यह काम हो गया तो मोदी की जय-जय हो जाएगी। काशी रिंग रोड के निर्माण से सिर्फ काशी ही नहीं, आसपास के जिलों को भी लाभ मिलने वाला है। वाराणसी शहर के भीतर और दूसरे राज्यों से जोड़ने वाली सड़कों का विस्तार किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर लोगों को खुशी में वाराणसी कैंट की तस्वीर पोस्ट करते हुए देखता हूं तो मेरी खुशी दोगुनी हो जाती है। स्वच्छता के मामले में भी काशी ने परिवर्तन देखा है, आज यहाँ के घाटों, सड़कों और गलियों में स्वच्छता स्थाई बनती जा रही है। वाराणसी में क्रूज सेवा की शुरुआत भी हो चुकी है। कैंट स्टेशन हो, मडुआडीह हो या फिर सिटी स्टेशन, सभी पर विकास के कार्यों को गति दी गई है, उन्हें आधुनिक बनाने का काम किया जा रहा है। रेल से काशी आने वालों को रेलवे स्टेशन पर आते नई काशी के दर्शन हो जाते हैं। इलाहाबाद-छपरा के रेल लाइन दोहरीकरण का कार्य प्रगति पर है। आधुनिक सुविधाओं वाली ट्रेनों ने भी लोगों का ध्यान खींचा है। आज काशी में न सिर्फ आना जाना आसान हो रहा है। बल्कि इसका सौंदर्य भी निखर रहा है। घाटों पर अब गंदगी नहीं रोशनी स्वागत करती है। पर्यटन से परिवर्तन का अभियान लगातार जारी है। काशी आज हेल्थ हब के रूप में उभरने लगा है। बीएचयू में आधुनिक ट्रॉमा सेंटर हजारों लोगों के जीवन को बचाने का काम कर रहा है। नए कैंसर और सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल लोगों को इलाज की आधुनिक सुविधाएं देंगे। बीएचयू ने एम्स के साथ एक वर्ल्ड क्लास हेल्थ इंस्टीट्यूट बनाने के लिए समझौता किया है। पीएम मोदी ने कहा कि आज यहां एक तरफ वैदिक विज्ञान केंद्र का शिलान्यास हुआ है तो दूसरी तरफ अटल इन्क्यूबेशन सेंटर की भी शुरुआत हुई है। हम सभी को जितना अपनी पुरातन संस्कृति और सभ्यता पर गर्व है उतना ही भविष्य की तकनीक के प्रति हमारा आकर्षण है।
पिछले चार साल ने कई देशों के नेताओं का काशी ने स्वागत किया है। इन नेताओं ने काशी के आतिथ्य को सराहा है। काशी में नए वर्ष की शुरूआत पर दुनियाभर की नजरें होंगी। दुनियाभर में बसे भारतीयों का कुंभ काशी में लगने वाला है। इसके लिए सरकार अपने स्‍तर पर काम कर रही है। लेकिन जनसहयोग जरूरी होगा। एक-एक काशीवासी को आगे आना होगा। हर नुक्कड-गली पर काशी का रस और रंग नजर आना चाहिए। प्रवासी भारतीय दिवस में आए लोग ऐसा अनुभव करके जाएं तो दुनिया में हमेशा के लिए काशी के ट्रेंड सेटर बन जाए।मां गंगा की सफाई के लिए गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक प्रबंध किए जा रहे हैं। इसके लिए 21 हजार से अधिक की 200 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं। मां गंगा की सफाई के लिए गंगोत्री से लेकर गंगा सागर तक प्रबंध किए जा रहे हैं। इसके लिए 21 हजार से अधिक की 200 परियोजनाएं स्‍वीकृत की गई हैं। यूपी में भाजपा की सरकार बनने के बाद विकास योजनाओं में तेजी आई है। आयुष्मान भारत योजना के क्रियान्वयन के लिए योगी आदित्यनाथ सरकार को बधाई।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि वाराणसी में ‘पर्यटन से परिवर्तन’ का अभियान निरंतर जारी है। बुद्धा थीम पार्क, सारंग नाथ तालाब, गुरुधाम मंदिर, मारकंडेय महादेव मंदिर जैसे अनेक स्थलों का सुंदरीकरण किया जा चुका है। काशी देश के चुनींदा शहरों में शामिल हैं, जहां घरों में पाइप से कुकिंग गैस की सुविधा मिलने जा रही है। वाराणसी शहर ही नहीं बल्कि आसपास के गांवों को भी सड़क, बिजली, पानी जैसी सुविधाएं पहुंचाई गई हैं।
सांसद के रूप में जिन गांवों को विशेष रूप से विकसित करने का जिम्मा मेरे पास है, उनमें से एक नागेपुर गांव के लिए आज पानी के एक बड़े प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया गया है। किसानों और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी गति देने का काम चार सालों में तेज हुआ है। हम सभी को जितना अपनी पुरातन संस्कृति और सभ्यता पर गर्व है उतना ही भविष्य की तकनीक के प्रति हमारा आकर्षण है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि नई काशी नए भारत के निर्माण में योगदान का आह्वान। कहा-आप यूं ही स्‍नेह देते रहें। आपने भले प्रधानमंत्री बनाया है, लेकिन आप बतौर सांसद मुझसे चार साल में कराए गए कार्यों का हिसाब लेने के लिए जिम्‍मेदार है। आप हमारे मालिक है। आप हमारे हाई कमान हैं।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भावनात्मक रिश्ता है। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ प्रदेश को इतना दिया है, जितनी कल्पना नहीं की गई थी।इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने 557 करोड़ की परियोजना का शिलान्यास-लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी जनपद के हर घर तक बिजली लाइन पहुंचाने और हर घर को रौशन करने के लिए एक बड़े कार्यक्रम का आज शुभारंभ हो रहा है, इसके लिए भी मैं आदरणीय प्रधानमंत्री जी का अभिनंदन करता हूं।
पीएम मोदी का वाराणसी से भावनात्मक रिश्ता : योगी आदित्यनाथ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि काशी के प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भावनात्मक रिश्ता है। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के साथ प्रदेश को इतना दिया है, जितनी कल्पना नहीं की गई थी। उन्होंने कहा कि विगत एक वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश के अंदर के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में 72 हजार मजरों का विद्युतीकरण कराया गया। जिन्हें बिजली सुलभ नहीं मिल पाती है, उन्हें सौभाग्य योजना के अंतर्गत नि:शुल्क बिजली मिल रही है। मोदी जी के नेतृत्व में बिना किसी भेदभाव के योजनाओं को लागू किया जा रहा है। चार वर्ष के दौरान काशी की जनता विकास की प्रक्रिया को लगातार देखा तथा महसूस किया है। पीएम के प्रयास से काशी में योजनाएं आगे बढी हैं। आइपीडीएस के अंतर्गत काशी में लटके तारों को केबलिंग के माध्यम से अंडर ग्राउंड करना भी शामिल है। विगत चार वर्षों के दौरान विद्युतीकरण का काम शुरू हुआ है, 52 लाख परिवारों को सौभाग्‍य योजना के तहत नि:शुल्क बिजली देने का कार्य भी हुआ है। जिन्‍हें बिजली सुलभ नहीं हो जाती थी उन्‍हें बिजली मिल रही है। प्रदेश के अंदर बिना भेदभाव के नरेंद्र मोदी ने योजनाओं को पहुंचाने का काम किया है। काशी के अंदर बीएचयू मालवीय जी की साधना स्थली है। बीएचयू में दो नए केंद्रों का उदघाटन हो रहा है जिससे विकास को गति मिलेगी। आंखों के उपचार की बात आती थी तो दक्षिण भारत के शंकर नेत्रालय की बात याद आती थी लेकिन अब नेत्र संस्थान को आधुनिक रूप मिलने जा रहा है।
इससे पहले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेंद्रनाथ पाण्डेय ने पीएम मोदी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने भोजपुरी में कहा कि न बनारस अइसन आपन सांसद देखलस, ना अइसन प्रधानमंत्री देखलस। हे बाबा भालेनाथ, अइसन प्रधानमंत्री क लगातार जरूरत बा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज वाराणसी को रिटर्न गिफ्ट देने वाराणसी के बीएचयू के एम्फीथियेटर ग्राउंड पहुंचे। वहां पर भाजपा अध्यक्ष डॉ. महेंद्र नाथ पाण्डेय के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनका स्वागत किया।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में कल अपना 68वां जन्मदिन मनाया है। बीएचयू की सभा के बाद पीएम मोदी वाराणसी से रवाना हो जाएंगे।
मिले तोहफे – लोकार्पण
-362 करोड़ : शहरी विद्युत सुधार कार्य, पुरानी काशी (आइपीडीएस)
-84.61 करोड़ : 3722 मजरो में विद्युतीकरण का काम
-9.90 करोड़ : सिंगल फेज के 90 हजार मीटर लगाने का काम
-2.80 करोड़ : 33 केवी विद्युत उपकेंद्र बेटावर का निर्माण
-2.58 करोड़ : 33 केवी विद्युत उपकेंद्र कुरुसातो का निर्माण
-2.74 करोड़ : नागेपुर ग्राम पेयजल योजना
-20 करोड़ : बीएचयू में अटल इन्क्यूबेशन सेंटर।
मिले तोहफे- आधारशिला
-14.10 करोड़ : बीएचयू में वैदिक विज्ञान केंद्र की स्थापना
-34 करोड़ : रीजनल इंस्टीट्यूट ऑफ आफ्थेल्मोलाजी
-23.08 करोड़ : 132 केवी विद्युत उपकेंद्र चोलापुर का निर्माण।
मिले तोहफे- बांटे रोजगार
-98 लाख : कुंभकारी उद्योग के तहत 260 विद्युत चालित चाक, आधुनिक भट्ठी
-53.25 लाख : हनी मिशन के तहत 500 मधुमक्खी बॉक्स
-7.50 लाख : खादी व सोलर वस्त्र के अंतर्गत 3 रेडीबार्प मशीन।