फर्रुखाबाद: पड़ोसी जिला हरदोई थाना पचदेवरा के ग्राम भावपुर सपा की २२ वर्षीय विशुनादेवी पत्नी रामनिवास उर्फ लल्ला ने दहेज के कारण यातनाएं दिए जाने से क्षुब्ध होकर विशुना देवी ने अग लगाकर जान दे दी|
दहेज प्रथा रूपी दानव ने नव विवाहिता विशुना देवी को निगल लिया व उसकी एक मासूम बच्ची का रो रोकर बुरा हाल है| उसे यह भी नहीं पता कि मौत क्या होती है? उसकी माँ जिस दरबाजे में घुस गई वहाँ से कभी बाहर न आ पायेगी| सामाजिक संघठन के इतने दहेज विरोधी जागरूकता कार्यक्रम के बावजूद व सरकार द्वारा दहेज एक्ट बन जाने के बावजूद भी दहेज के भूंखे भेडिये अपने दाँत निकाले शिकार के इंतजार में खड़े रहते हैं व मौक़ा मिलने पर शिकार को धार दबोचते हैं व समाज मूक दर्शक बना देखता रहता है|
ऐसी ही दहेज की खातिर थाना पचदेवरा की २२ वर्षीय विशुना देवी की बलि चढ गई| विशुना के पिता राम निवास निवासी मदोरोली कांठ जिला शाहजहांपुर ने बताया कि मेरी पुत्री की शादी दो वर्ष पूर्व रामनिवास उर्फ लल्ला के साथ हुयी थी| शादी से पहले मुझे नहीं पता था कि लल्ला दारू पीता है व एयास किस्म का इंसान है| शादी तय होने के समय इन लोगों की कोई दहेज की मांग नहीं थी क्योंकि यह लोग जानते थे कि हम अच्छा खासा माल देंगे| शादी के बाद उनके अरमानों पर पानी फिर गया| क्योंकि हमारे पास देने के लिए ज्यादा कुछ नहीं था| फिर हमने अपनी औकात के हिसाब से अच्छी खासी शादी कर दी| रामनिवास ने बताया कि यह लोग लड़की को मारते पीटते थे लेकिन मेरी बेटी ने कभी मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी व बाद में वह लोग पल्सर बाइक व सोने की चैन की मांग कर परेशान करने लगे|
विशुना की जेठानी ओमवती पत्नी रनधीर ने बताया कि लल्ला प्रतिदिन दारू पीकर आता था व विशुना को मारपीट कर गाली-गलौज करता था| मारपीट भी ऐसी कि जानवर भी बैठ जाए| ओमवती ने बताया कि भैया दूज को जब विशुना अपने मायके से ससुराल वापस आयी तो उसी दिन से मारपीट और बढ़ गयी| जिसको मासूम विशुना सहन करती रही| जब लल्ला का जुल्म हद पार कर गया तो विशुना ने कमरे को अंदर से बंद करके आग लगा ली| जब आग ने शरीर को कब्जे में कर लिया तब विशुना तड़पती हुयी कमरे से बाहर भागी उस समय उसके शरीर पर एक भी कपड़ा नहीं था| इससे यह बात साफ़ है कि लल्ला व उसके परिजनों ने ही उसके आग लगाई थी|
घटना की रिपोर्ट दर्ज कर ली गयी है व शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया|