मायानगरी या अंधेरनगरी- भाजपा ने जारी की घोटाला चालीसा

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लखनऊ। मायावती व उनके करीबी लगातार घोटालों में फंसते जा रहे हैं। भाजपा के बढ़ते हमलों के बीच फंसी सरकार खुद को बेकसूर भी साबित नहीं कर पा रही है। भारतीय जनता पार्टी ने मायावती का घोटाला चालीसा जारी करते हुए ऊर्जा सेक्टर के गोरखधंधे की पोल खोल दी। तीन हजार करोड़ रुपये के कथित घोटाले की शिकायत उत्तर प्रदेश लोकायुक्त से करते हुए पार्टी ने जांच की मांग की।

पार्टी राज्य में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकाल में दो लाख 54 हजार करोड़ रुपये के घोटाला होने का आरोप लगाया। तैतालिस पृष्ठों के घोटाला चालीसा में भाजपा ने बसपा सरकार के तमाम गोरखधंधों से पर्दा उठाने का प्रयास किया। भाजपा सचिव किरीट सोमैया के नेतृत्व में भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने लोकायुक्त एन.के. मेहरोत्रा से मिलकर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन और निजी कंपनियों के बीच हुए समझौते में तीन हजार करोड़ रुपये के घोटाले के दस्तावेज सौंपे।

सोमैया ने कहा कि पार्टी ने अपील की है कि घोटाले की पूरी जांच हो तथा दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। सोमैया ने कहा कि इस घोटाले में उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने पांच निजी पावर ट्रेडिंग कम्पनियों के साथ द्विपक्षीय समझौता किया। समझौते में कारपोरेशन ने उपरोक्त कम्पनियों से 4.70 रुपये की दर से पांच हजार करोड़ यूनिट बिजली खरीदने पर सहमति जतायी और समझौता किया।

सोमैया ने बताया कि विभाग ने कम्पनियों से इस प्रकार समझौता किया कि यदि अन्य स्रोतों से उसे सस्ती बिजली मिले तो भी उसे न खरीदा जाए तथा समझौते के अनुरूप ही मंहगी बिजली ली जाए। चाहे वह केन्द्रीय ग्रिड की एनटपीसी और दूसरी कम्पनियों से मिलने वाली 1.50-2.20 रुपये प्रति यूनिट बिजली मिले उस दशा में भी विभाग निजी कम्पनियों से ही बिजली लेने को बाध्य होगा।

उन्होंने कहा कि पिछले कुछ हफ्तों में बिजली का व्यापार या विद्युत विनमय बिजली के खुले बाजार में प्रति यूनिट तीन रुपये की दर से किया जा रहा है। पावर कारपोरेशन के साथ हुए समझौते में शामिल कम्पनियों जैसे अडानी, ग्लोबल एनर्जी ने भी विद्युत विनमय खुदरा मार्केट में तीन से चार रुपये किया है। भाजपा नेता ने कहा कि यह निजी कम्पनियां वास्तव में 2100 मेगावाट बिजली का उत्पादन नहीं कर रही है बल्कि वह इस बिजली को खुदरा बाजार या दूसरे राज्यों में कम दरों पर खरीदकर पावर कारपोरेशन को बेचेंगी। मायावती सरकार इस दलाली के लिए इन कम्पनियों को तीन हजार करोड़ रुपये अतिरिक्त देगी।

डा. किरीट सोमैया ने आरोप लगाया कि सरकार ने पिछले कुछ समय में कम्पनियों से मंहगी बिजली खरीदी जबकि उसका मूल्य बाजार में काफी कम था। भाजपा ने मांग की कि जनता के हित में इस समझौते को तत्काल निरस्त किया जाए। उन्होंने कहा कि घोटालेबाजों को जल्द से जल्द भेजा जाए।