बलात्कार के आरोपी सिपाहियो की मौज, पीड़िता तीन दिन से थाने में

Uncategorized

फर्रुखाबाद: कैसा अन्ना और कौन सा लोकपाल। उत्तर प्रदेश पुलिस की चाल आज भी वही है। ताजा उदाहरण है केंद्रीय कारागार के बंदी रक्षकों द्वारा गैंगरेप की पीड़ित दलित महिला का हैं। एफआईआर दर्ज कराने वाली महिला सुधा कठेरिया तो विगत तीन दिनो से महिला थाने में बैठी है, जबकि चारों आरोपी मजे से अपने घरों पर हैं।

विदित है कि केंद्रीय करागार में उम्रकैद की सजा काट रहे बंदी की पत्नी से विगत १९ अगस्त को जेल परिसर में चार बंदी रक्षकों द्वारा बलात्त्कार किये जाने के मामले में तीन दिन पूर्व कोतवाली फतेहगढ में एफआईआर दर्ज की गयी थी। स्थिति यह है कि तीन दिन से पीड़ित महिला लगातार महिला थाने में बैठी है। पहले दिन उसका चिकित्सीय परीक्षण किया गया। फिर एक्स-रे दूसरे दिन करने के लिये कहा गया। अब मजिस्ट्रेट के सामने बयान को लेकर उसे तीसरे दिन रविवार होने के कारण रोक लिया गयां। यह सब तब है जब महिला की दुधमुंही बच्ची बुखार से तप रही थी। आखिर पीड़ित के सास ससुर अपनी नातिन को लेकर घर वापस लौट गये। जबकि पीड्रित महिला अभी भी थाने में बैठी है। मजे की बात है कि बलात्कार व दलित उप्तीड़न के मामले में डीआईजी जेल का यहां दौरा लगने व जांच पुलिस क्षेत्राधिकारी स्तर के अधिकारी के पास होने के बावजूद अभी भी आरोपी जेल पुलिस कर्मियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

पुलिस अधीक्षक ओपी सागर ने बताया कि रविवार को अवकाश होने के कारण महिला के बयान नहीं हो सके है। उन्होंने बताया कि प्रकरण की जांच पूर्णतय: निश्पक्षता से की जायेगी। यदि आवश्यक हुआ तो डीएनए सैंपलिंग भी की जायेगी। उनहोंने बताया कि यदि किसी को झूठा फंसाया गया है तो उसके खिलाफ कार्रवाई नहीं होने दी जायेगी।