चुनावी युद्ध: सपा के छह विधायक हाथीं पर सवार

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लखनऊ। सत्ता का सुख भोग रही बसपा सपा को अधिक से अधिक क्षति पहुंचा रही है। बसपा ने सपा के छह विधायकों को तोड़कर यह साबित कर दिया कि वह किसी से कम नहीं और बसपा किसी भी पार्टी के विधायक को अपनी पार्टी में शामिल कर सकती है। सपा छोड़कर बसपा में शामिल होने वाले विधायकों के विषय में सपा ने यह कहा कि विधायकों को पहले ही पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है।

समाजवादी पार्टी व बहुजन समाज पार्टी में चल रहा चुनावी युद्ध फिलहाल सपा पर भारी पड़ रहा है। कुछ दिन पूर्व बसपा के एक विधायक का सपा में शामिल होना सपा के लिए मुसीबत बन गया। सपा ने बसपा के एक विधायक को तोड़ लिया लेकिन उसके बदले में सपा को एक के एक छह सीटिंग एमएलए की क्षति उठानी पड़ी। सपा के छह विधायक अषोक चंदेल, सर्वेष सिंह, संदीप अग्रवाल, सुल्तान बेग, सूरज सिंह शाक्य व सुन्दर लाल पार्टी छोड़कर बसपा में शामिल हो गए।

सभी विधायक सपा के लिए खास थे तथा अपने इलाके में मजबूत पकड़ रखते थे। कहा जा रहा है कि विधायकों के पार्टी छोड़कर जाने से सपा को काफी नुकासान हुआ है हालांकि सपा पदाधिकारी इस बात से इनकारकर रहे हैं। सपाइयों का कहना है कि यह वे नाम हैं जिन्हें पहले ही पार्टी से निष्कासित किया जा चुका है। उधर बसपा में इन चेहरों के आने से काफी खुषी है। पदाधिकारी से लेकर सदस्य तक इस बात से खुश हैं कि इससे सपा की ताकत कुछ और कम हो गयी है।

सपा भले ही इस बात से इनकार कर दे कि विधायकों के जाने से उसकी सेहत पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा परन्तु पार्टी की आंतरिक गतिविधियां यह बताने के लिए काफी हैं कि विधायकों के जाने से पार्टी को कितना बड़ा झटका लगा है। सपा में इस वक्त निराषा का दौर है और पार्टी मुखिया इस बात के प्रयास में है कि आने वाले दिनों में सपा किस प्रकार बसपा को नुकसान पहुंचा सकती है।

पार्टी सूत्रों के अनुसार सपा में यह रणनीति तैयार की जा रही है कि विधान सभा चुनाव आने से पूर्व ही अन्य पार्टियों के पदाधिकारियों को तोड़ा जाए ताकि विपक्षी कमजोर हो सकें। सू़त्रों की माने तो पार्टी छोड़कर जाने वाले संख्या में इसलिए इजाफा होरहा है कि क्योंकि सपा ने कई पुराने पदाधिकारियों के टिकट काट दिए हैं जिससे नाराज पदाधिकारी पार्टी छोड़कर जा रहे हैं।