स्वास्थ्य विभाग की पोल खुली, रिश्वतखोरी की शिकायत

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फर्रुखाबाद: आयेदिन स्वास्थ्य विभाग की शिकायतें मिलती हैं कि डाक्टर व कर्मचारी रिश्वत लेकर उपचार करते हैं और बाजार से दबाएँ व सामान खरीदने पर विवश करते हैं|

मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ पीके पोरवाल जब कायमगंज के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की व्यवस्था को चुस्त-दुरुस्त करने के लिए निरीक्षण कर रहे थे| उसी समय अधीक्षक डॉ महेंद्र कुमार के सामने आरोप लगाए गए कि डाक्टर व कर्मचारी रुपये लेकर ही उपचार करते हैं|

ग्राम फरीदपुर निवासी सोनी के पति राकेश ने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी की डिलेबरी के लिए नर्स ने ९०० रुपये लिए उसके बाद ही डाक्टर ने मरीज को हाँथ लगाया| अठसेनी पहाडपुर निवासी नरेश अपनी बीमार पत्नी के उपचार के लिए मेडिकल से डिस्पोजल खरीदकर ले गया| डॉ पोरवाल ने नाराजगी जाहिर की कि जब डिस्पोजल अस्पताल में मौजूद है तो बाजार से क्यों खरिदबाया गया|

डॉ पोरवाल ने मरीजों का बेहतर ढंग से उपचार करने का निर्देश देते हुए बेहतर सफाई व्यवस्था करके कूड़े दान रखे जाने की भी हिदायत दी| कल रविवार को कावीना मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी के आगमन के कारण निरीक्षण की आशंका को लेकर स्वास्थ्य विभाग के डाक्टर चिंतित हैं|

आज लोहिया अस्पताल के इमरजेंसी कक्ष में भीषण गर्मी के कारण घायल काफी परेशान रहे| दुर्घटना में घायल रवि पाण्डेय आदि घायल के परिजन गर्मी के कारण कागज़ के गत्ते से हवा करते देखे गए| थोड़ी देर बाद ही रवि ने दम तोड़ दिया| परिजनों ने डॉ पर लापरवाही बरतने का भी आरोप लगाया| बिजली चली जाने पर इमरजेंसी कक्ष के पंखे नहीं चलते हैं|