महात्मा रामचंद्र के जलसे में उमड़ा आस्था का सैलाब

FARRUKHABAD NEWS

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) सूफी संत महात्मा रामचंद्र महाराज के सालाना जलसे में दूसरे दिन भी उनके अनुयायियों की भारी भीड़ उमड़ी। समाधि पर सजदा कर अनुयायियों ने आंतरिक अभ्यास तथा सामूहिक शांति पाठ में भाग लिया। महात्मा रामचंद्र की याद में डूबकर स्वयं को रूहानी ताकत से जोड़ने की साधना की।
फतेहगढ़ के नवदिया क्षेत्र में चल रहे सूफी संत महात्मा रामचंद्र के जलसे में दूसरे दिन देश के विभिन्न स्थानों से आए अनुयायियों ने समाधि पर फूल व प्रसाद चढ़ाकर महात्मा रामचंद्र को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। श्रद्धालुओ ने बड़ी संख्या में आंतरिक अभ्यास तथा शांति पाठ में शिरकत की। जिसमें रेलवे के पूर्व सतर्कता अधिकारी सुनील गुप्ता, दिल्ली से विधायक अनिल वाजपेयी, महात्मा जी के प्रपौत्र विनय सक्सेना, बुजुर्ग सूफी संत मौलाना शहनवाज खान सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। समाधि स्थल पर सभी धर्मो के लोग आए। जिस कारण गंगा जमुनी तहजीब का नजारा देखने को मिला। अनुयायियो से विश्व बंधुत्व तथा मानवता के लिए कार्य करने का आह्वान किया गया। समाधि स्थल परिसर में बेहद शांत माहौल में लाग आंख बंद कर खुद में डूबे नजर आए।
अनुयायी महात्मा जी के इस संदेश को आत्मसात किए हुए नजर आए कि जाति-पाति पूछै नहीं कोई, हरि को भजै सो हिर को होई। जलसे में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हुई। सूफी संत प्रभात मोहन दास ने कहा कि निरंकार ब्रह्मा से जुड़कर ही जीवन को चरम आनंद तक ले जाया जा सकता है। महात्मा रामचंद्र के प्रपौत्र सूफी संत विनय सक्सेना ने कहा कि धार्मिक कट्टरता से ऊपर उठकर ही सर्वधर्म,समभाव की स्थापना की जा सकती है। इस दौरान गिरीश चंद्र बाथम, समीर सक्सेना, प्रदीप बिसारिया, राजीव भगोलीवाल, शालिनी सक्सेना, नितिश सक्सेना समेत कई लोग मौजूद रहे।