लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (प्रसपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है। शिवपाल ने अखिलेश के भाजपा में चले जाने वाले बयान पर पलटवार किया है। इटावा में उन्होंने इसे गैर जिम्मेदाराना बयान बताया है।
शिवपाल ने कहा कि सपा के 111 विधायक हैं। उनमें से एक वे भी हैं। यदि सपा उन्हें भाजपा में भेजना चाहती है तो निकाल क्यों नहीं देती। शिवपाल इटावा राज्यसभा सदस्य रहे स्वर्गीय दर्शन सिंह यादव की पत्नी शकुंतला देवी के निधन पर शोक जताने आए थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में ये बाते कहीं।
आजम के मुद्दे पर समाजवादियों को बैठना चाहिए था धरने पर: शिवपाल ने कहा कि आजम खां सपा के सबसे वरिष्ठ विधायक हैं। सांसद और राज्यसभा सदस्य भी रहे। उनके साथ जुल्म हो रहा है। जब वे लोकसभा सदस्य थे तो उनके ऊपर हो रहे जुल्म के खिलाफ समाजवादियों को लोकसभा और विधानसभा में धरने पर बैठ जाना चाहिए था। नेताजी मुलायम सिंह यादव को भी धरने में शामिल करते।
नेताजी आंदोलन में शामिल होते तो आजम को जरूर न्याय मिलता: शिवपाल ने कहा कि पूरा देश जानता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नेताजी मुलायम सिंह यादव का सम्मान करते हैं। अगर नेताजी आंदोलन में शामिल होते तो जरूर आजम खां के साथ न्याय होता। आज उन पर छोटे-छोटे 72 मुकदमे हैं। एक छोटे केस में चार महीने से जमानत नहीं मिल रही और फैसला रिजर्व रखा है। जुल्म और अत्याचार के खिलाफ समाजवादियों के संघर्ष का इतिहास रहा है। अब यह संघर्ष कहीं दिखायी नहीं देता।शिवपाल जी शामिल करने में देर न करे भाजपा: बता दें कि मैनपुरी में प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव की नाराजगी के सवाल पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि शिवपाल जी मुझसे नाराज हैं, इसका मुझे नहीं पता। भाजपा को उन्हें जल्द अपनी पार्टी में शामिल करना चाहिए। भाजपा इसमें देर क्यों कर रही है। आजम खां के समर्थकों की नाराजगी के सवाल पर कहा, पार्टी शुरू से ही उनके साथ खड़ी रही है। जरूरत पड़ने पर वह खुद जेल में उनसे मिलने जाएंगे।