फर्रुखाबाद:(नगर/राजेपुर संवाददाता) सरकारी भूमि का चिन्हाकन करनें आयी राजस्व टीम उस समय मुसीबत में पड़ गयी जिस समय ग्रामीणों ने उन्हें घेर लिया| नायब तहसीलदार को बंधक बनानें का प्रयास किया तो आरोप है की नायब तहसीलदार ने एक ग्रामीण के थप्पड़ जड़ दिया| जिस पर विवाद बढ़ गया| आक्रोशित ग्रामीणों ने आत्मदाह का प्रयास भी किया| महिलाओं सहित चार के बेहोश हो जानें पर उन्हें लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया|
थाना राजेपुर के ग्राम सबलपुर में 250 बीघा भूमि पर ग्रामीणों का कब्जा है| जिस पर वर्तमान में गेहू की पकी फसल खड़ी है| जिस पर प्रशासन से काफी पुराना विवाद चल रहा है| ग्रामीणों के अनुसार उनकी पट्टे की भूमि है जबकि राजस्व टीम के मुताबिक वह भूमि सरकारी है| लिहाजा ग्रामीणों ने उस भूमि पर स्टे भी ले रखा है| पूर्व में भाकियू भी इस भूमि पर पैमाइश के विरोध में धरना प्रदर्शन कर चुकी है| विगत दिनों भूमि की पैमाइश के लिए कमेटी का गठन किया गया था| मंगलवार को नायब तहसीलदार हर्षित सिंह राजस्व टीम को लेकर पंहुचे मशीन से गेंहू काटने लगे | जिसका ग्रामीणों ने विरोध किया तो हंगामा हो गया| ग्रामीणों ने कहा की गेहूं कटने नही देगे| जिस पर ग्रामीण गोविन्द पुत्र द्वारिया के नायब ने थप्पड़ जड़ दिया| जिससे ग्रामीणों में जबरदस्त आक्रोश फैल गया| देखते ही देखते 45 वर्षीय ग्रामीण गोविन्द पुत्र द्वारिया, 45 वर्षीय कलावती पत्नी नन्द किशोर राजपूत, 50 वर्षीय जगरानी पत्नी भईया लाल, 50 वर्षीय गंगा पत्नी चन्द्रपाल ने डीजल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया| लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस कर्मियों ने उन्हें पकड़ लिया| अचानक चारों की हालत खराब हो गयी| जिस पर उन्हें लोहिया अस्पताल लाया गया| उधर आक्रोशित भीड़ ने नायब तहसीलदार को घेर लिया| सूचना पर थानाध्यक्ष दिनेश गौतम मौके पर पंहुचे और मामले को समझाकर शांत किया|
लोहिया अस्पताल में गोविन्द, कलावती, जगरानी, गंगा को भर्ती किया गया| जानकारी होनें पर भाकियू के जिलाध्यक्ष अरविन्द शाक्य, मंडल अध्यक्ष प्र्भाकान्त मिश्रा, पूर्व प्रधान रामवीर आदि लोहिया अस्पताल आ धमके| मंडल अध्यक्ष प्रभाकान्त मिश्रा ने बताया की जिन अधिकारियों ने ग्रामीणों को आत्महत्या के लिए प्रेरित किया उनके खिलाफ यदि मुकदमा दर्ज नही होगा तो भाकियू कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन करेगा| थानाध्यक्ष दिनेश गौतम ने बताया कि कोई खास बात नही थी| नायब तहसीलदार को बंधक बनाये जाने का मामला फर्जी है| ग्रामीणों ने पैमाइश के विरोध में डीजल डाल लिया था| लेकिन किसी प्रकार की अनहोनी नही हुई| किसी ग्रामीण के साथ मारपीट नही हुई| जाँच की जा रही है| तहसीलदार से फोन से बात करनें का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन नही उठाया |