लखनऊ : एसटीएफ ने नौकरी दिलाने के नाम पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने के आरोपित दुर्गा शरण मिश्र को उसके साथी के साथ गिरफ्तार कर लिया है। आरोपित भारतीय खाद्य निगम, रेलवे व स्वास्थ्य समेत सरकारी विभागों मे फर्जी भर्ती करवाता था। इसके लिए लोगों को अलग अलग स्थानों पर अभ्यर्थियों की फर्जी ट्रेनिंग कराकर उन्हें कूटरचित ज्वाइनिंग लेटर भी सौंप देता था।
आरोपित के खिलाफ कई जिलों में मुकदमे दर्ज हैं। अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ अमित कुमार नागर के मुताबिक, सीतापुर के बेलझरिया बिसुआ निवासी दुर्गा शरण मिश्रा और उसके साथी सरस्वतीपुरम, जानकीपुरम निवासी राजेश राम को लखनऊ में भैंसा कुंड के पास से पकड़ा गया है। आरोपितों के पास से भारतीय खाद्य निगम वर्ष 2020 का कूटरचित रिजल्ट, जाली आफर लेटर व मेट्रो रेल कारपोरेशन का फर्जी नियुक्ति पत्र समेत अन्य दस्तावेज बरामद किए गए हैं। पूछताछ में आरोपित दुर्गा शरण ने बताया कि वह अंबेडकरनगर का मूल निवासी है। वर्ष 2007 से डा. राजेश राम के साथ मिलकर वह कई विभागों में नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों से ठगी करता था। वर्ष 2009 से अब तक आरोपित पर लखनऊ, आजमगढ़ व अयोध्या में कई मुकदमे दर्ज हैं। लखनऊ के एक मुकदमे में आरोपित को सजा भी हो चुकी है। चार साल तक वह जेल में भी था। हालांकि रिहा होने के बाद उसने फिर से फर्जीवाड़ा शुरू कर दिया। आरोपित ने बताया कि अब तक उसने करीब 500 अभ्यर्थियों से ठगी की है। प्रत्येक अभ्यर्थी से वह तीन से पांच लाख रुपये वसूलता था। ठगी की रकम से उसने जागृति फिल्म प्रोडक्शन का काम शुरू कर सात फिल्में एवं कई एल्बमों को प्रोड्यूस किया। आरोपित खुद को खाद्य निगम का अधिकारी बताकर लोगों को झांसे में लेता था। वहीं, डा. राजेश राम ने बताया कि वह राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय मेजरगंज, रायबरेली में तैनात है। वर्ष 2007 से दुर्गा शरण मिश्रा के साथ मिलकर फर्जीवाड़ा कर रहा है। डाक्टर होने के कारण उसकी छवि अच्छी थी और लोग उसके झांसे में आ जाते थे।