लखनऊ: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के बाद अब विधान परिषद के चुनाव को लेकर सरगर्मी बढ़ गई है। उत्तर प्रदेश विधानमंडल में उच्च सदन के लिए 36 सदस्यों के चुनाव के लिए मंगलवार यानी आज से नामांकन होगा। विधान परिषद चुनाव के लिए मतदान नौ अप्रैल को होगा और इसका परिणाम 12 को आएगा। 36 सीटों के लिए होने वाले चुनाव के लिए नामांकन दो चरण में होगा।
उत्तर प्रदेश विधान परिषद में अभी भी संख्याबल के मामले में समाजवादी पार्टी भारतीय जनता पार्टी से आगे है। प्रदेश में लगातार दूसरी बार सरकार बनाने जा रही भाजपा इस संख्या बल को पीछे छोड़ने के प्रयास में है। उत्तर प्रदेश में विधान परिषद की 36 सीटों के लिए नामांकन आज से प्रारंभ होगा। 30 सीटों के लिए आज से प्रारंभ होने वाली नामांकन प्रक्रिया 19 तक चलेगी, जबकि छह अन्य सीटों के लिए आज से शुरू होकर नामांकन 22 तक दाखिल होंगे। प्रदेश में 29 निर्वाचन क्षेत्रों की 30 सीटों के लिए अधिसूचना चार फरवरी को जारी हो चुकी थी। इसके साथ ही नामांकन पत्र भी भरने शुरू हो गए थे, किंतु बाद में सात फरवरी को इन चुनाव को स्थगित कर दिया गया था।
इसी के तहत अब 30 सीटों के लिए नामांकन प्रक्रिया 15 मार्च से फिर शुरू हो रही है। यानी जिन्होंने पहले नामांकन भर दिया है उन्हें अब दोबारा नामांकन पत्र भरने की जरूरत नहीं है। दूसरे चरण में छह सीटों के लिए अधिसूचना 10 फरवरी को जारी होनी थी लेकिन इससे पहले ही चुनाव स्थगित हो गए थे। ऐसे में दूसरे चरण की अधिसूचना 15 मार्च मंगलवार को जारी होगी। वहीं, पहले चरण का नामांकन 15 मार्च से शुरू होकर 19 मार्च तक चलेंगे। 21 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 23 मार्च तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे। दूसरे चरण में छह सीटों के लिए नामांकन 15 मार्च से शुरू होंगे 22 मार्च तक चलेंगे। 23 मार्च को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 25 मार्च को नामांकन पत्र वापस लिए जाएंगे। नौ अप्रैल को मतदान होगा। 12 अप्रैल को मतगणना होगी।
विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र की 36 सीटों के लिए भारतीय जनता पार्टी के साथ समाजवादी पार्टी अधिक सीटों पर अपने-अपने प्रत्याशी जिताने की कोशिश में जुट गए हैं। भाजपा तथा सहयोगी दल इस बार विधानसभा चुनाव में 273 सीट जीते हैं जबकि समाजवादी पार्टी तथा सहयोगी दल 125 सीट जीत सके हैं।
36 सीटों में 31 सपा के पास : उत्तर प्रदेश विधानमंडल में सौ सीटों वाली विधान परिषद में स्थानीय प्राधिकारी निर्वाचन क्षेत्रों की 36 सीटों में पिछले चुनाव में 31 सपा ने जीतीं थीं। दो सीटों पर पर बसपा विजयी रही थी। रायबरेली से कांग्रेस के दिनेश प्रताप सिंह जीते थे। बनारस से बृजेश कुमार सिंह व गाजीपुर से विशाल सिंह ‘चंचलÓ चुने गए थे। दिनेश प्रताप सिंह बाद में भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके अलावा सपा के आठ एमएलसी नरेन्द्र सिंह भाटी, सीपी चन्द्र, रवि शंकर सिंह उर्फ पप्पू सिंह, रमा निरंजन, शैलेन्द्र सिंह, घनश्याम लोधी, रमेश मिश्रा व शतरुद्र प्रकाश भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। बसपा के सुरेश कश्यप भी भगवा खेमे का दामन थाम चुके हैं।
इन 30 सीटों के लिए 19 तक नामांकन :मुरादाबाद-बिजनौर, रामपुर-बरेली, बदायूं, पीलीभीत-शाहजहांपुर, हरदोई, खीरी, सीतापुर, लखनऊ-उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़, सुलतानपुर, बाराबंकी, बहराइच, आजमगढ़-मऊ, गाजीपुर, जौनपुर, वाराणसी, मीरजापुर-सोनभद्र, इलाहाबाद, बांदा-हमीरपुर, झांसी-जालौन-ललितपुर, कानपुर-फतेहपुर, इटावा-फर्रुखाबाद, आगरा-फिरोजाबाद, मथुरा-एटा-मैनपुरी, अलीगढ़, बुलंदशहर, मेरठ-गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर-सहारनपुर। (नोट-मथुरा-एटा-मैनपुरी सीट से दो सदस्य चुने जाते हैं बाकी सभी निर्वाचन क्षेत्रों से एक-एक सदस्य का चुनाव होता है।)
इन छह सीटों के लिए 22 तक नामांकन :गोंडा, फैजाबाद, बस्ती-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-महराजगंज, देवरिया व बलिया स्थानीय प्राधिकारी क्षेत्र।