लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी (आप) सभी 403 सीटों पर लड़ेगी। रविवार को आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सदस्य व यूपी प्रभारी संजय सिंह ने 150 सीटों के लिए प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बदलाव की नई राजनीति के लिए राजनीति की गंदगी पर झाड़ू चलाएंगे। इसके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार व किसान को राजनीति के केंद्र में रखकर जनता के बीच जा रहे हैं। ज्ञात हो कि आप ने पहले 215 प्रभारियों को तैनात किया था, उनमें से अच्छा करने वालों को ही प्रत्याशी बनाया है।
आप के यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि आप ने चुनावी मैदान में सुयोग्य उम्मीदवारों को उतारा है। इनमें एमबीए की शिक्षा प्राप्तकर चुके आठ, परास्नातक 38, डाक्टर चार, पीएचडी आठ, इंजीनियर सात, बीएड आठ, ग्रेजुएट 39 और डिप्लोमाधारक छह उम्मीदवार हैं। पहली सूची में आठ महिलाओं को भी टिकट दिया गया है। अहम नेताओं में लखनऊ मध्य से नदीम अशरफ जायसी, नोएडा से पंकज अवाना को चुनाव लड़ रहे हैं। उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के सिराथू से पार्टी ने विष्णु कुमार जायसवाल व शाहजहांपुर में सुरेश खन्ना के खिलाफ राजीव यादव को उम्मीदवार बनाया है। उन्होंने कहा कि 55 ओबीसी, 31 अनुसूचित जाति, 14 अल्पसंख्यक, कायस्थ छह, व्यापारी सात और ब्राह्मण वर्ग के 36 उम्मीदवार हैं।
योगी सरकार में युवाओं को लाठियां मिलीं : संजय सिंह ने कहा कि भाजपा ने पांच साल में प्रदेश को बहुत पीछे ढकेलने का काम किया है। नौजवान रोजगार मांगने निकला तो उसे गालियां देकर लाठियों से पीटा गया। शिक्षामित्र सुहागिन महिलाओं को अपना सिर मुड़वाकर प्रदर्शन करना पड़ा। गरीब की बेटी को हाथरस में रात दो बजे जला दिया गया। मनीष गुप्ता के मामले में सीबीआइ की रिपोर्ट में पुलिसकर्मी दोषी ठहराए जाते हैं। प्रदेश में अन्नदाता को मवाली, गुंडा कहा गया। उन्होंने कहा कि पार्टी जल्द घोषणापत्र लाएगी, ये हमारी गांरटी है इसलिए हमने उसको गारंटी पत्र नाम दिया है। हमने उसके लिए टीम बनाई है और जनता के जो सुझाव मांगे हैं।
बेटी भाजपा को व पिता सपा को जिता रहे : संजय सिंह ने कहा कि अभी कुछ नेता सपा में शामिल हुए हैं। अब वे कह रहे हैं कि पिछड़ों व दलितों की खूब उपेक्षा हुई, जबकि भाजपा शुरू से दलित व पिछड़ा विरोधी रही है। इसीलिए आरएसएस में अब तक कोई संघ का प्रमुख दलित और पिछड़ा नहीं हुआ। क्या ये बात क्या स्वामी प्रसाद को मालूम न थी। अब चुनाव के समय उनको सामाजिक न्याय याद आ रहा है। उनकी बेटी संघमित्रा सामाजिक न्याय के नाते भाजपा को जिता रही हैं और स्वामी प्रसाद सपा को जिता रहे हैं।
अच्छी शिक्षा मिले, इलाज कैसे हो निशुल्क होंगे मुद्दे : यूपी प्रभारी संजय सिंह ने कहा कि शिक्षा कैसे अच्छी मिले, इलाज निश्शुल्क देंगे। कानून की व्यवस्था कैसे ठीक होगी इस पर बात कर रहे हैं और पूरा चुनाव इन्हीं मुद्दों पर लड़ेंगे। घर-घर पर्चा, घर घर चर्चा का अभियान चला रखा है। आम आदमी पार्टी ने पांच पांच कार्यकर्ताओं की बीस टीमें बना रखी हैं। प्रदेश की जनता हमारे मुद्दों को पसंद करेगी तो निश्चित रूप से हम काम करेंगे। उन्होंने कहा कि एआइएमआइएम को भी चुनाव लड़ने का हक है लेकिन, सबसे ज्यादा चर्चा इसी पार्टी की है, क्योंकि भाजपा का कंपटीशन उस पार्टी से है जिसका एक भी एमएलए प्रदेश में नहीं है।
घोटाले के डर से योगी जी को गोरखपुर भागना पड़ा : संजय सिंह ने कहा कि गोरखपुर से लड़ाया जरूर जा रहा है लेकिन, उनकी चर्चा तो अयोध्या से चुनाव लड़ने की थी। उनकी पार्टी के लोगों ने प्रभु श्रीराम मंदिर के चंदे में इतना बड़ा घोटाला कर दिया है कि वो डर गये हैं। वहां से चुनाव लड़ने में उनको डर था कि चंदा चोरी के कारण वो चुनाव अयोध्या से हार सकते हैं। इसीलिए उन्हें गोरखपुर भागना पड़ा।
बता दें कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव होना है। 10 फरवरी को पहले चरण में पश्चिम उत्तर प्रदेश के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। चौथे चरण में मतदान 23 फरवरी को लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर होगा। पांचवें चरण में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें और अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर किया जाएगा। 10 मार्च को मतों की गिनती होगी।