जनपद में 19 साल में मिले 657 एचआईवी एड्स पीड़ित

FARRUKHABAD NEWS जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)  एड्स एक लाइलाज बीमारी है, जिसके फैलने का सबसे बड़ा कारण असुरक्षित यौन संबंध है, इस बीमारी से असल मेँ बचाव सिर्फ सुरक्षा मेँ निहित है। यह कहना है मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० सतीश चंद्रा का।
सीएमओ ने कहा कि एचआईवी-एड्स से ग्रसित लोगों की मदद करने के लिए धन जुटाना, लोगों में एड्स को रोकने के लिए जागरूकता फैलाना और एड्स से जुड़े मिथक को दूर करते हुए लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से विश्व एड्स दिवस की शुरूआत 1 दिसंबर 1988 को की गयी। तभी से प्रति वर्ष 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। इस बार विश्व एड्स दिवस की थीम- ‘भेदभाव की समाप्ति, एड्स की समाप्ति तथा महामारियों की समाप्ति है |जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ० सुनील मल्होत्रा ने बताया कि एड्स दिवस पर डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय से जागरूकता रैली निकाली जाएगी और जय सिंह आयुर्वैदिक कालेज बघार में छात्रों को एड्स फैलने के कारण और इससे कैसे बचा जाये के बारे में जागरूक किया जायेगा | डॉ० मल्होत्रा ने बताया कि एड्स यानि एक्वायर्ड इम्यूनो डिफिशिएंसी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जो एचआईवी वायरस मानव शरीर में प्रवेश करने के बाद कई सालों तक निष्क्रिय रहता है। हालांकि, इस दौरान वायरस शरीर के अंदर अपनी संख्या बढ़ाता रहता है और श्वेत रक्त कणिकाओं को नष्ट कर देता है। एचआईवी वायरस शरीर में प्रवेश करने के बाद भी 15-20 सालों तक मरीज स्वस्थ दिखता है, लेकिन उसकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता पूरी तरह खत्म हो जाती है। डॉ० राम मनोहर लोहिया पुरुष अस्पताल में तैनात एचआईवी परामर्शदाता नीतू ने बताया कि एड्स का एकमात्र इलाज है बचाव। ‘सावधानी हटी – दुर्घटना घटी’ यह शब्द एड्स की बीमारी के लिए बिलकुल सही साबित होते हैं। आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और अनैतिक संबंधों की बाढ़ में यह बीमारी और भी तेजी से फैल रही है। सिर्फ असुरक्षित यौन संबंधों से ही नहीं यह बीमारी संक्रमित खून या संक्रमित इंजेक्शन की वजह से भी फैलता है।
क्या कहते हैं आँकड़े
परामर्शदाता नीतू के अनुसार जिले में वर्ष 2002 से अब तक 657 एचआईवी के मामले सामने आ चुके हैं, वहीं इस वर्ष जनवरी 2021 से अब तक लगभग 5000 लोगो की जांच में 26 नये एचआईवी से पीडि‌त मरीज़ मिले हैं| जिले के डॉ० राममनोहर लोहिया चिकित्सालय पुरुष में लिंक ए.आर.टी सेंटर इस वर्ष नवम्बर से खुल गया है जिन एड्स रोगियों का इलाज कानपुर ए.आर.टी सेंटर ,मेडिकल कालेज से चल रहा था उनको अब बाहर जाने की जरुरत नहीं है |
अहाना यूपीएनपी से जिला समन्वयक ज्योति शुक्ला ने बताया कि जिले में वर्ष 2008 से अब तक लगभग 129 गर्भवती एड्स से ग्रसित मिलीं वहीँ इस वर्ष जनवरी से अब तक लगभग 21 गर्भवती एड्स से ग्रसित मिलीं जिनमें से अधिकतर का सुरक्षित प्रसव कराया जा चुका है | प्रसव के बाद होने होने वाले बच्चों में एड्स का कोई भी लक्षण नहीं मिला |