लखनऊ: उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 का पेपर रविवार को इंटरनेट मीडिया पर लीक होने के बाद प्रदेश सरकार और शासन तत्काल एक्शन में आ गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस प्रकरण में गिरफ्त में आए 23 लोगों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में हम नकल माफिया को ठहरने नहीं देंगे। अभी तक इस मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन सभी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई होगी। इसके साथ ही इन लोगों की अवैध संपति को भी जब्त किया जाएगा। हम इनकी सारी अवैध संपति पर बुलडोजर भी चलवाएंगे।योगी आदित्यनाथ ने कहा कि टीईटी पेपर लीक करने वालों के घरों पर सरकार का बुलडोजर चलेगा। इस मामले में अब तक प्रदेश में 23 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन सभी के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। उन्होंने सख्त लहजे में कहा कि इस शरारत करने वालों को किसी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। टीईटी परीक्षा को स्थगित कर दिया गया है। अभ्यर्थियों को दोबारा परीक्षा केंद्रों तक जाने के लिए मुफ्त बस सेवा दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे निर्देश पर एसटीएस ने पेपर लीक मामले की जांच शुरू कर दी है। इसके साथ ही प्रयास किया जा रहा है कि किसी भी अभ्यर्थी को कहीं पर भी परेशानी ना हो। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश सरकार यूपी टीईटी के अभ्यर्थियों के साथ खड़ी है। अब एक महीने के अंदर पारदर्शी तरीके से यह परीक्षा आयोजित होगी। इसमें शामिल होने के लिए किसी भी अभ्यर्थी से कोई भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके साथ ही परीक्षा देने वाले सभी अभ्यर्थियों को आने-जाने के लिए भी बसों में नि:शुल्क यात्रा की सुविधा दी जाएगी। हमारे नौजवान बहनों-भाइयों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने वालों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जायेगा। आप सबको हुई असुविधा के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा जरूर मिलेगी। आपकी सरकार शुचितापूर्वक एवं पारदर्शी तरीके से परीक्षा सम्पन्न कराने के लिए कृतसंकल्पित है। पेपर लीक होने के प्रकरण पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री डॉ. सतीश द्विवेदी ने कहा कि यूपी टीईटी की परीक्षा के पेपर लीक होने की सूचना मिली है। इसी कारण दोनों पालियों की परीक्षा तत्काल प्रभाव से निरस्त की जा रही है। अब पुन: एक महीने के भीतर अभ्यर्थियों से बिना कोई शुल्क लिए परीक्षा कराई जाएगी। इसके साथ ही इस प्रकरण में एफआईआर कराने के निर्देश दिए गए है और यूपी एसटीएफ को जांच सौंपी जा रही है ताकि दोषियों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सके।