लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) को बड़ा झटका लगा है। रायबरेली की सदर सीट से कांग्रेस की बागी विधायक अदिति सिंह और आजमगढ़ के सगड़ी सीट से बसपा विधायक वंदना सिंह ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सदस्यता ग्रहण कर ली है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के समक्ष पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में बुधवार को शाम दोनों नेताओं ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। इस दौरान सदस्यता समिति के प्रमुख लक्ष्मीकांत बाजपेयी मौजूद थे।
रायबरेली सदर से कांग्रेस की विधायक अदिति सिंह काफी समय से कांग्रेस की आलोचना और भारतीय जनता पार्टी की सरकार की नीतियों की सराहना करती आ रही थीं। इसके लिए कांग्रेस पार्टी उनको नोटिस भी दे चुकी है। पिछले दिनों तो अदिति सिंह ने साफ कह दिया था कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ की टीम का हिस्सा बनना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि सीएम योगी सबसे लोकप्रिय मुख्यमंत्री हैं और उनकी टीम का हिस्सा बनकर अपनी विधानसभा के लिए ज्यादा बेहतर कर सकूंगी।
अदिति सिंह ने कहा था कि कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी केवल स्टंट कर रही हैं। अगर वह महिलाओं के लिए जागरूक होती तो सबसे पहले अपने निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ कार्रवाई करतीं, जिस पर महिला से छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज हुआ है। अदिति का यह भी कहना है कि कांग्रेस महासचिव सिर्फ राजनीति कर रही है। उनके पास अब मुद्दे नहीं बचे हैं। वर्ष 2017 के चुनाव में अदिति पिता की राजनीतिक विरासत की वारिस बनीं। कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर वे विधायक बनीं। हालांकि, तकरीबन डेढ़ साल से उन्होंने खुद को वैचारिक तौर पर कांग्रेस से अलग कर रखा था। साथ ही पार्टी के विरुद्ध बगावती बयान भी देती रहीं। इस दौरान सत्तारूढ़ दल से उनकी नजदीकियां बढ़ती गईं। सूत्रों के मुताबिक उनके भाजपा में जाने का बड़ा नुकसान उनके पति अंगद सिंह सैनी को हो सकता है, जो पंजाब की नवांशहर सीट से विधायक हैं। रायबरेली, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का संसदीय क्षेत्र है। ऐसे में अदिति का पालाबदल उनके पति के लिए भारी पड़ सकता है।