लखनऊ: डांस का कार्यक्रम रद करने और टिकट का पैसा दर्शकों को वापस न करने के एक आपराधिक मामले में अदालत ने नामचीन डांसर सपना चौधरी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने की अर्जी खारिज कर दी है। अदालत में सपना चौधरी की ओर से यह अर्जी उनके वकील ने दाखिल की थी। एसीजेएम शांतनु त्यागी ने अपने आदेश में कहा है कि हाई कोर्ट ने अभियुक्त सपना चौधरी को स्वयं उपस्थित होकर अर्जी दाखिल करने का निर्देश दिया है। हाई कोर्ट के आदेश में यह व्यवस्था नहीं है कि अभियुक्त के स्थान पर उनके वकील उपस्थित होकर कोई अर्जी दाखिल करें। लिहाजा, ऐसी स्थिति में सपना चौधरी के खिलाफ जारी गिरफ्तारी वारंट निरस्त करने का कोई औचित्य नहीं है। उन्होंने इस मामले में अग्रिम कार्यवाही के लिए 20 दिसंबर की तारीख तय की है।
एक मई, 2019 को इस मामले में सपना चौधरी के खिलाफ किसी व्यक्ति के विश्वास का हनन व धोखाधड़ी करने के मामले में आरोप पत्र दाखिल हुआ था, जबकि 20 जनवरी, 2019 को इस कार्यक्रम के आयोजकों जुनैद अहमद, इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के खिलाफ आइपीसी की धारा 406 व 420 में आरोप पत्र दाखिल किया गया था। अदालत सपना चौधरी समेत अन्य सभी अभियुक्तों के खिलाफ आरोप पत्र पर संज्ञान ले चुकी है। चार सितंबर, 2021 को सपना चौधरी की डिस्चार्ज अर्जी खारिज हो गई थी। अदालत ने सपना चौधरी के हाजिर न होने पर उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था। अब सपना समेत सभी अभियुक्तों पर आरोप तय होने हैं।
यह था मामला : 13 अक्टूबर, 2018 को स्मृति उपवन में दोपहर तीन बजे से रात्रि 10 बजे तक सपना चौधरी समेत अन्य कलाकारों का कार्यक्रम था। इसके लिए प्रति व्यक्ति तीन सौ रुपये में आनलाइन व आफलाइन टिकट बेचे गए थे। कार्यक्रम को देखने के लिए हजारों टिकट धारक मौजूद थे, लेकिन सपना चौधरी नहीं आईं। टिकट का पैसा भी वापस नहीं किया गया। 14 अक्टूबर, 2018 को इस मामले की नामजद एफआइआर एसआइ फिरोज खान ने थाना आशियाना में दर्ज कराई थी। इसमें कार्यक्रम के आयोजक जुनैद अहमद, नवीन शर्मा, पहल इंस्टीट्यूट के इवाद अली, अमित पांडेय व रत्नाकर उपाध्याय के साथ ही सपना चौधरी को भी नामजद किया गया था।