आखिर क्या है बाबा वीरेन्द्र के आश्रम के गुप्त तयखानों का राज

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फर्रुखाबाद: बाबा वीरेन्द्र देव दीक्षित का सिकत्तरबाग आश्रम किसी अभेद्य किले से कम नही है| बाहरी लोगो से आश्रम का कोई सम्पर्क नही है| आश्रम के भीतर बने गुप्त तयखाने में आखिर क्या राज छिपा है| यह पुलिस भी जान नही पा रही है| तयखानों के बंद दरवाजो को पुलिस ने हथौड़े से तोड़कर खोला
सिकत्तरबाग आश्रम में पहली मंजिल में जीने के नीचे व रसोईघर में दो तयखाने है| जिनको पुलिस ने देखा| वही दूसरी मंजिल पर पुलिस जब पंहुची तो देखकर दंग रह गयी| दूसरी मंजिल पर 9 गुप्त तयखाने बने थे| जिनको देखकर लगता है कि यदि आदमी को इसमे बंद कर दिया जाये तो उनको तलाशना मुश्किल हो जायेगा| पुलिस ने सभी 9 तयखाने चेक किये| इसके बाद पुलिस तीसरी मंजिल पर पंहुची| जंहा पुलिस को दो तयखाने मिले| पुलिस को उस पर लगभग आधा घंटे तक हथौड़ी चलायी| जिसके बाद उनका दरबाजा खुल सका|
पूरे आश्रम को चारो तरफ से बक्से की तरह बंद किया गया था| कही से भी परिंदा पर नही मार सकता | जहां हवा आने के लिये खिड़की लगी है उनमे भी कपड़े बांधे गये थे| जिससे की बाहर से हवा व रौशनी तक नही आ सकती| भीतर आने के लिये अपना पूरा परिचय लिखित में दिखाना होता है| फ़िलहाल लगभग एक दर्जन तयखानों का आश्रम में क्या काम है इसका जबाब फ़िलहाल नही मिला|
आश्रम की सेविका ज्योती बहन निवासी मुम्बई ने बताया कि बाहर की दुनियां के लोगो भरोसे के लायक नही है| जिस कारण वह आश्रम को बंद रखती है| बाबा पर लगे आरोपों के विषय में ज्योती ने बताया कि वह इस सम्बन्ध में कुछ नही कह सकती है|