फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) गंगा नदी भारतीयों की आस्था, सभ्यता, अध्यात्म और संस्कृति का अभिन्न अंग है। हिंदू धर्म के शास्त्रों और उपनिषदों में गंगा नदी को पवित्र और मोक्षदायिनी तथा गंगा जल को अमृत समान माना गया है। इसके बाद ही अपना पाप कम करनें के लिए अपने घर से कूड़ा-कचरा लाकर गंगा में फेंक देते है जिससे वह मैली हो रही है| सरकार के करोड़ो रूपये गंगा पर खर्च करनें के बाद भी अभी तक लोगों में जागरूकता नही आयी है| विगत दिनों कार्तिक पूर्णिमा के गंगा स्नान के बाद गंगा घाट गंदगी से पट गये जिन्हें अंतराष्ट्रीय न्यायिक मानवाधिकार संरक्षण के सदस्यों द्वारा साफ किया गया|
अदालत व प्रधानमंत्री द्वारा पतित पावनी गंगा को निर्मल बनाने के लिए भले ही बड़े बजट के साथ भरपूर प्रयास किए जा रहे हों, लेकिन कार्तिक पूर्णिमा में उमड़ा सैलाब दीपदान और गंगा में डुबकी लगाकर लौट गया तो गंगा किनारे हर तरफ बड़े स्तर पर पालीथिन, पत्तल, फूल और पूजा सामग्री का अंबार लग गया है। इसके निस्तारण के लिए जिला पंचायत के साथ ही प्रशासन के पास भी कोई योजना नहीं है। कुल मिलाकर गंगा स्नान कर अपने पाप धुल कर पवित्र होने की सोच रखने वाले श्रद्धालु ही गंगा को अपवित्र कर चले गए। गंगा के किनारों पर अब कुंतलों पालीथिन व कचरा छोड़ गए हैं, जो न केवल खादर के लिए समस्या बनेंगे, बल्कि गंगा की अविरल धारा को बाधित कर जलीय जीवों के प्राण भी हरेंगे। केंद्र सरकार ने गंगा को राष्ट्रीय नदी का दर्ज दिया है, जिससे गंगा में फैलने वाले प्रदूषण की रोकथाम के लिए चलाए जा रहे गंगा एक्शन प्लान पर प्रतिवर्ष भारी भरकम राशि खर्च की जा रही है। वहीं सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी गंगा की पवित्रता को बनाए रखने के लिए उसमें खंडित मूर्ति व फूलमाला सहित अन्य सामग्री डालने वाले लोगों पर कार्रवाई के निर्देश हैं। इसके बाद श्रद्धालु अपनी मनमानी से बाज नही आते| कार्तिक पूर्णिमा पर श्रद्धालु अपनी वापसी के दौरान चौतरफा पालीथिन, पत्तल, फूल और पूजा सामग्री का एक बड़ा अंबार छोड़ गए है। जिला पंचायत से लेकर प्रशासनिक अमला मेले का सफल आयोजन होने का दावा कर अपनी पीठ तो थपथपा रहे है, लेकिन श्रद्धालुओं द्वारा छोड़े गए कचरे को ठिकाने लगाने को उनके पास कोई योजना नहीं है। रविवार को मानवाधिकार संरक्षण की टीम नें घंटो सफाई अभियान चलाकर कूड़ा-कचरे को दफन किया| इस दौरान संगठन के जिलाध्यक्ष आदित्य दीक्षित, राजू भारद्वाज, अमित श्रीवास्तव, अमर, अमन दीक्षित, राममुरारी शुक्ला, विपिन अवस्थी, कल्लू गुप्ता, कमलेश पाण्डेय, गौरव वर्मा आदि रहे|