1948 को पहली बार युद्ध के लिए श्रीनगर में उतरी थी भारतीय सेना

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो)  इन्फेंट्री-डे पर सिखलाइट रेजीमेंट सेंटर में शहीदों को नमन कर श्रद्धांजलि दी गयी| ब्रिगेडियर ने पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को नमन किया जवानों को इन्फेंट्री-डे की बधाई दी।
बुधवार को सिखलाई रेजीमेंट सेंटर के शहीद स्मारक को फूलों से सजाया गया ब्रिगेडियर हरवीर सिंह युद्ध सेवा मेडल ट्रेनिंग बटालियन के सीईओ इंद्रजीत सिंह ने स्मारक पर पुष्प चक्र चढ़ाकर शहीदों को याद किया इस दौरान सशक्त जवानों की टुकड़ी ने शस्त्रों को झुका कर शहीदों को सलामी दी और 2 मिनट का मौन रख  अधिकारियों व जवानों ने युद्ध के मैदान में अपने जौहर दिखाने वाले जवानों को सलाम किया| ब्रिगेडियर ने बताया कि हर साल की भांति इस वर्ष भी इन्फेंट्री डे को भव्यता के साथ मनाया गया है उन्होंने बताया कि आजादी के बाद 1948 में पाकिस्तान से आए कव्वालियों ने कश्मीर पर हमला कर दिया था कश्मीर के राजा हरि सिंह ने भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री से कश्मीर को बचाने की गुहार की थी इसके बाद आज के ही दिन श्रीनगर में पहली बार भारतीय थल सेना कश्मीर की रक्षा के लिए उतरी थी सेना ने युद्ध के मैदान में अपने जौहर दिखाकर पाकिस्तानियों को उनके इलाके में खदेड़ दिया था| उन्होंने कहा कि देश के लिए जान देने वाले रणबांकुरे का नाम इतिहास के पन्नों में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा गया है कहा कि सेना का हर अधिकारी और जवान कुर्बानी और शौर्य की गाथा लिखने को हमेशा आतुर रहता है| शहीदों के नक्शे कदम पर चलना बड़े फक्र की बात है इस मौके पर सेंटर के तमाम अधिकारी मौजूद रहे|  वहीं इन्फेंट्री-डे पर कोरोनावायरस को सम्मानित किया गया|  ब्रिगेडियर ने कहा कि कोरोना वायरस दौरान जब लोग घरों में दुबके हुए थे तब महिला स्वास्थ्य कर्मी, महिला पुलिसकर्मी और चतुर्थ श्रेणी का स्टाफ अपनी जान की परवाह किये बिना समाज के लोगों की सेवा के लिए तत्पर था।