फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर भ्रष्टाचार में लिप्त अफसरों और पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही का सिलसिला जारी होगा| लेकिन जिले में इसका कोई असर नही दिख रहा है| गाहे-बगाहे पुलिस के भ्रष्टाचार के मामले सामने आते रहते है लेकिन घूंसखोरी के गड्डों पर भ्रष्टाचार का रोलर चलाकर ईमानदारी का तारकोल डाल चिकना कर दिया जाता रहा है| जबकि, भ्रष्टाचार की यह बेल अफसरों की कुर्सी तक फैली है। जिससे भ्रष्टाचार के दाग को बड़ी आसानी से साफ कर लिया जाता है| विगत दिनों मेरापुर की अचारा चौकी के दो सिपाहियों और सर्विलांस सेल के दीवान नें जो कृत्य किया उसनें एक बार फिर से जिले की खाकी को दागदार कर दिया| तीन पुलिस कर्मी निलंबित हैं और मुकदमा अज्ञात में दर्ज किया गया| उसका अंजाम क्या होगा यह तो ईश्वर और जाँच अधिकारी जाने | लेकिन इससे पूर्व भ्रष्ट पुलिस कर्मियों पर कार्यवाही के नाम पर लगी एफआरपढ़े पूरी खबर
विगत 7 नवंबर 2020 को थाना राजेपुर में तैंनात आरक्षी धर्मेन्द्र कुमार का एक आडियो वायरल हुआ जिसमे वह पांचाल घाट के एक लकड़ी व्यापारी से फोन पर अबैध बसूली की बात कर रहा था| जिसके बाद सिपाही धर्मेन्द्र के खिलाफ सीओ और थानाध्यक्ष नें जाँच की जिसमे सिपाही दोषी पाया गया और उसे निलंबित करके भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया| लगभग एक साल गुजर गयी| पुलिस नें मामले को ठंडे वस्ते में डाल दिया| 12 नवंबर 2020 थाना जहानगंज में तैंनात तत्कालीन दारोगा राहुल कुमार ने बहोरिकपुर निवासी कुछ आरोपियों को पकड़ा और उनसे पैसे की मांग की| लेकिन उसका आडियो वायरल होनें पर तत्कालीन थानाध्यक्ष दिनेश गौतम ने दारोगा राहुल कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया| जिसमे 9 अप्रैल 2021 को पुलिस नें एफआर लगा दी| इसके साथ ही वर्तमान थानाध्यक्ष मेरापुर देवी प्रसाद गौतम नवाबगंज में तैनाती के दौरान पीड़ित से घी मांगने में आडियो वायरल होनें पर लाइन हाजिर हुए थे| उनके बाद उनको मेरापुर थानाध्यक्ष का चार्ज दिया गया| मेरापुर के अचरा चौकी पर तैंनात (निलंबित) सिपाही कपिल यादव और रिंकू यादव युवक का अपहरण कर उसके परिजनों से 2 लाख की फिरौती मांगने में विधायक अमृतपुर सुशील शाक्य के हस्तक्षेप के बाद निलंबित हुए| साथ में सर्विलांस सेल के दीवान सतेन्द्र यादव की भूमिका भी संलिप्त होनें पर निलंबन की कार्यवाही की गयी| लेकिन मुकदमा अज्ञात में लिखा गया| जिले में निलंबित सिपाहियों के गैंग में आधा दर्जन और शामिल
अमृतपुर विधायक सुशील शाक्य नें बताया अपहरण और फिरौती कांड में निलंबित सिपाही अपने आधा दर्जन और पुलिस कर्मियों के साथ मिलकर एक गिरोह चला रहें है| उनकी भी शिकायत आ रहीं है| जल्द उन पर भी कार्यवाही होगी| विधायक नें बताया कि जो भी इस मामले में दोषी होगा उसके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्यवाही होगी| सीएम योगी के सख्त निर्देश है|संदेह के घेरे में आवास विकास चौकी पुलिस
जिस तरह से खाकी को दागदार कर युवक का अपहरण करनें उसे आवास विकास चौकी में रखा गया उस वहीं पर लेनदेन की बात भी हुई| इससे आवास विका चौकी पुलिस भी संदेह के घेरें में है| चौकी पर किसकी विशेष कृपा है देखनें की जरूरत है| चौकी इंचार्ज आवास विकास विशेष कुमार विधायक से माफी मांगने के लिए भी दोषी सिपाहियों को लेकर गये थे| विधायक सुशील शाक्य नें बताया कि आवास विका चौकी इंचार्ज और पुलिस कर्मी भी संदेह के घेरे में है| यदि संलिप्तता नही है तो फिर मेरापुर के सिपाही आवास विकास में लेकर युवक को क्यों आये थे|