फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) जनपद में साइबर अपराध लगातार बढ़ रहा है। जिला पुलिस इतनी सक्षम भी नहीं है कि ऐसे अपराधियों को जल्द पकड़ा जा सके। लेकिन लोगों को जागरूक तो अवश्य कर सकती है। ऐसा ही कदम अब जिला पुलिस ने उठाया है। जिले में पुलिस के पास संसाधन कम होने के बावजूद अब साइबर क्राइम के बारे में लोगों को जागरूक कर रहें है| जिले में बुधवार को साइबर अपराध जागरूकता दिवस अभियान चलाया गया| पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा नें अपने कार्यालय में आम जनमानस को पत्रक बांटकर जागरूकता अभियान की शुरुआत की| इसके बाद साइबर की जानकारी रखने वाले पुलिस कर्मचारी व विशेषज्ञों ने लोगों को पत्रक बांटकर जानकारी दी|
ठगी की शिकायत के बढ़ रहे है मामले
इंटरनेट की दुनिया में हर व्यक्ति कंप्यूटर और मोबाइल से जुड़ा है। उसकी जाब, शिक्षा और वित्तीय लेन-देन मोबाइल व कंप्यूटर तकनीकी संसाधनों से जुड़े हुए है। ऐसे में लोगों की थोड़ी-सी लापरवाही साइबर क्राइम को बढ़ावा देती है। हमें अपने कंप्यूटर और मोबाइल के साफ्टवेयर को समय-समय पर अपडेट करते रहना चाहिए क्योंकि देखने में आया है कि हैकर्स अक्सर कई तरीकों से आपके फोन का डेटा चोरी कर लेते हैं और फिर उसका गलत इस्तेमाल करते हैं। बैंक अधिकारी बनकर व लाटरी लगने के नाम पर बैंक अकाऊंट बारे जानकारी लेकर ठगी की शिकायतें बढ़ रही है, जिन्हें लोगों की जागरूकता से ही रोका जा सकता है।
ठग इस तरह करते है ठगी
आपके बीमा का बोनस आया है। इसके लिए खाते में सिक्योरिटी मनी जमा करनी है।
लक्की ड्रा में आपका नंबर चुना गया है। इसके लिए आपको सिक्योरिटी मनी बैंक में जमा करनी होगी। आपका एटीएम कार्ड ब्लाक कर दिया गया है। नया कार्ड बनाने के लिए पुराने कार्ड का नंबर चाहिए। खाते को अपडेट किया जा रहा है। इसके लिए खाते से संबंधित जानकारी चाहिए।
साइबर क्राइम में अब नए तरीका अपना रहे शातिर
पहले अधिकतर लोगों से फोन करके बैंक से संबंधित जानकारी हासिल करते थे। लेकिन अब लोग यह जानकारी नहीं दे रहे है। यहीं कारण है कि अब शातिरों ने दूसरे हथकंड़े अपना लिए है। मोबाइल नंबर पर एक मैसेज आता है कि आपके दोस्त ने 5 हजार रुपये भेजे है और लिंक को क्लीक करेंगे तो आपके खाते में राशि आ जाएगी। जैसे ही लिंक को क्लीक किया जाता है तो खाते से राशि चली जाती है। वहीं आनलाइन शापिंग से बैंक से रुपये निकालने के अधिक मामले आए है। वही फोन पे व गूगल पे पर लिंक भेजने के नाम पर भी ठगी की जा रही है। क्यूआर कोड स्कैन करने के बाद खाते से रुपये निकल रहे है।
पुलिस अधीक्षक अशोक कुमार मीणा नें जेएनआई को बताया कि लोगों को साइबर अपराध से जागरूक करनें के लिए जागरूक किया जा रहा है| जिससे भविष्य में होनें वाले साइबर अपराधों की घटनाओं को रोंका जा सके|