फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) उत्तर-प्रदेश पावर कार्पेरेशन निविदा/संविदा कर्मचारी संघ के बैनर तले विशाल धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया| जिसमे कर्मचारियों नें अपनी मांगो को लेकर ज्ञापन अधीक्षण अभियंता को सौंपा| जिसमे मुख्य रूप से ठेकेदार प्रथा को समाप्त करनें की मांग की गयी है|
भोलेपुर बिजली घर पर जिलाध्यक्ष रामकृष्ण व जिला महामंत्री विष्णु सिंह नें नेतृत्व धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया| जिसमे कहा गया कि लखनऊ प्रबन्धन द्वारा बिजली विभाग के नीतियों का उल्लंघन नियमित प्रकार के कार्यों को ठेकेदारों व संविदाकारों के मध्य से कर्मचारियों की तैनाती कर कार्य कराया जाता है।बिजली प्रबन्धन व ठेकेदारों व संविदाकारों के बीच श्रमिक (लेवर) का अनुबन्ध का किया जाता है जबकि जमीन से 20-25 फीट की ऊँचाई पर 440 वोल्ट की चलती लाइनों पर, 11 हजार वोल्ट की लाइनों व स्विच गेयरों पर, 33 हजार वोल्ट की लाइनों पर कराया जाता है जो कि घातक प्राकृति का होता है। इन कर्मचारियों से मीटर रीडर, कम्प्यूटर ऑपरेटर ट्रांसफार्मर रिपेयरिंग जैसे तकनीकि कार्य कराये जाते हैं। जिसके बदले ठेकेदारों व संविदाकारों द्वारा वेतन के रूप में रूपये 6000 से 9700 तक दिया जाता है। जिसमें इन कर्मचारियों को अपने परिवार के भरण-पोषण व बच्चों की शिक्षा-दीक्षा में काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस प्रकार पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा ठेकेदारों व संविदाकारों से किया जाने वाला अनुबन्ध कार्य के अनुरूप नहीं है।
उत्तर प्रदेश कारपोरेशन प्रबन्धन द्वारा ठेकेदार व संविदाकारों को प्रतिमाह ईएसआई के मद में 350 रू० प्रति कर्मचारी के हिसाब से भुगतान किया जा रहा है। इसके बदले में ठेकेदार व • संविदाकारों द्वारा आउटसोर्स कर्मचारियों का ईएसआई में पंजीकरण कराकर उनसे परिवार के फोटो सहित ई पहचान पत्र दिया जाना चाहिए। इस ई-पहचान पत्र से ईएसआई द्वारा कर्मचारियों सहित उनके पूरे परिवार का मुफ्त में इलाज किया जाता है। किन्तु ठेकेदारों व संविदाकारों द्वारा कर्मचारियों के परिवार की फोटो आज तक नहीं दिया गया है। जिसमें पॉवर कारपोरेशन द्वारा ठेकेदारों व संविदाकारों को इस मद में किये जाने वाले भुगतान गवन किया जाता है। आउटसोर्स कर्मचारियों की हो रही दुर्घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाया जाये। ठेकेदारों व संविदाकारों द्वारा कर्मचारियों के ईपीएफ व ईएसआई में जांच करायी जाये। विनोद कुमार, सचिन दीक्षित, मोहन कुमार आदि रहे|