अपडेट: हॉलमार्क के समर्थन में खुला सराफा बाजार, एचयूआइडी का विरोध

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) हालमार्किंग का नियम लागू होने के बाद नगर के सराफा बाजार पर हड़ताल का कोई ख़ास असर देखनें को नही मिला| लिहाजा सराफा व्यापारियों नें कहा कि उन्होंने हॉलमार्क के समर्थन में बाजार खोला है| लेकिन सरकार एचयूआइडी नियम में थोड़ा सरलीकरण करे|
दरअसल सरकार ने 16 जून से सोने की ज्वेलरी पर अनिवार्य गोल्ड हालमार्किंग के नियम को लागू कर दिया है। इसके बाद ज्वेलर्स को सिर्फ हालमार्किंग वाली गोल्ड ज्वेलरी ही बेच पाएंगे। इससे ग्राहकों को नकली सोने या कम दाम के सोने के नाम पर होने वाली धोखाधड़ी से निजात मिल सकेगी।
वहीं अब ग्राहक हालमार्क वाली ज्वलेरी की मांग कर रहे हैं। इससे हालमार्किंग ज्वेलरी का काम करने वाले सराफा व्यापारी खुश हैं। उनका कहना है कि ग्राहकों को समझ आ रहा है कि हाल मार्किंग ज्वेलरी खरीदना उनके लिए फायदे का सौैदा है और इससे मन में शंका नहीं रहती है। लिहाजा फतेहगढ़  सराफा बाजार नें हालमार्किंग का समर्थन किया| लेकिन फर्रुखाबाद नगर के सराफा बाजार में ताले लटके रहे|
इंडिया बुलियन एंड ज्वैलर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष व फतेहगढ़ के सराफा व्यापारी कुमार चन्द्र वर्मा नें बताया कि जनपद का सम्पूर्ण सराफा बाजार हालमार्किंग के समर्थन में खुला है| सभी नें पूर्ण रूप से उसका समर्थन किया है|
जिला महामंत्री विवेक गुप्ता सोनू नें बताया कि सभी सराफा व्यापारी हालमार्किंगका समर्थन कर रहे है और बाजार खोले है लेकिन सरकार एचयूआइडी नियमावली को थोड़ा सरल करे| उन्होंने कहाकि हालमार्क ज्वेलरी बेचने का सभी व्यापारी भाई समर्थन करते हैं, लेकिन एचयूआइडी नंबर की अनिवार्यता करने से कारोबार करना मुश्किल हो जाएगा। लिहाजा सराफा व्यापारियों नें काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज भी कराया|
फर्रुखाबाद में बंद रहा सराफा बाजार
सोमवार को नगर का सराफा बाजार बंद नजर आया| जिसके तहत सराफा दुकानों के शटर बंद रहे| यूपी सराफा एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अरुण प्रकाश तिवारी ददुआ , जिला संयोजक हरीश वर्मा, दीपक अग्रवाल, मनोज रस्तोगी, राजीव कुमार शुक्ला, चन्द्र किशोर वर्मा आदि नें कैबिनेट मंत्री पियूष गोयल को ज्ञापन भेजा| राजीव शुक्ला नें बताया कि शहर का सराफा बाजार पूरी तरह से बंद रहा|
यह होती है हालमार्किंग
हालमार्किंग एक प्रकार से शुद्ध सोने का प्रमाण है। भारत में सोने के आभूषणों में हालमार्क की शुरुआत वर्ष 2000 से हुई। हालमार्क का निशान बताता है कि सोना अंतरराष्ट्रीय स्टैंडर्ड का है। हालमार्क भारत सरकार की गारंटी होती है। यह भारत सरकार की संस्था ब्यूराे आफ इंडियन स्टैंडर्ड यानि बीआईएस जारी करता है। इसके लिए 35 रुपये प्रति आभूषण चार्ज लगता है, जिसका भुगतान ज्वेलर करता है।