लाखो का गेहूं बेचने वाले अमीर किसान पा रहे मुफ्त राशन का लाभ,होगी कार्यवाही

LUCKNOW UP NEWS जिला प्रशासन सामाजिक

लखनऊ:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिजिटल इंडिया मुहिम से एक बड़े फर्जीवाड़े का पर्दाफाश हुआ है। साल भर में तीन लाख से ज्यादा गेहूं बेचने वाले अमीर किसान भी मुफ्त राशन पा रहे हैं। खाद्य एवं रसद विभाग ने प्रदेश भर में ऐसे ही करीब 63 हजार कार्ड धारक चिह्नित किए हैं। इन्होंने वित्तीय वर्ष 2020-21 में सरकारी क्रय केंदों पर तीन लाख से अधिक का गेहूं बेचा है। वहीं, यह राशन की दुकानों से भी हर महीने मुफ्त राशन ले रहे हैं। अब शासन स्तर से सत्यापन कर कार्ड निरस्तीकरण का आदेश कर दिया है। अलीगढ़ के भी 150 कार्ड धारक इस सूची में हैं।

सरकारी गल्ले की दुकानों पर कार्ड धारकों को सस्ते दामों में राशन दिया जाता है। कोरोना से पहले महीने में एक बार राशन बंटता था। इसमें पात्र गृहस्थी कार्ड धारकों को पांच किलो प्रति यूनिट व अंत्योदय कार्ड धारकों को एक मुश्त 35 किलो राशन मिलता है। दो रुपये प्रति किलो गेहूं व तीन रुपये प्रति किलो चावल की कीमत निर्धारित है। अब कोरोना काल में सरकार महीने में दो बार मुफ्त राशन बांट रही है। इसमें एक बार केंद्र तो दूसरी बार प्रदेश सरकार राशन देती है।पिछले दिनों सरकार ने राशन कार्ड धारकों के लिए आय प्रमाण पत्र अनिवार्यता कर दी है। इसमें देहात क्षेत्र में अधिकतम दो लाख व शहरी क्षेत्र में तीन लाख तक सालना आय का मानक निर्धारित है, लेकिन प्रदेश में बड़े स्तर पर अपात्र राशन पा रहे हैं। अब पिछले दिनों शासन स्तर से ही ऐसे ही 63991 संदिग्ध कार्ड धारक चिह्नित किए गए हैं।

डिजिटल इंडिया के तहत केंद्र व प्रदेश सरकार ने अब अधिकतर सरकारी योजनाओं में आधार कार्ड अनिवार्य कर दिया है। सूबे भर में 99 फीसद से अधिक राशन कार्ड भी आधार से लिंक कर दिए हैं। वहीं सरकारी क्रय केंद्रों पर गेहूं की बिक्री भी आधार कार्ड से हो रही है। ऐसे में पिछले दिनों शासन स्तर पर आधार से ऐसे किसान चिह्नित किए गए, जिन्होंने सरकारी केंद्रों पर वित्तीय वर्ष 2021-21 में तीन लाख या इससे अधिक का गेहूं बेचा है। इस सूची को फिर आधार नंबर के हिसाब से राशन पोर्टल से मिलान किया गया। इसमें दोनों पोर्टल पर एक ही आधार मिलने पर नंबरों को चिह्नित कर लिया गया।

 प्रदेश भर में चिन्हित हुए राशन कार्ड:अलीगढ़ में 150,आगरा में 87,प्रयागराज में 1356,अंबेडकर नगर में 409,अमेठी में 1016,अमरोहा में 203, औरेया में 781, आजमगढ़ में 344,बागपात में दाे, बहराइच में 2492, बलिया में 792, बलरामपुर में 193, बांदा में 670, बाराबंकी में 1022, बरेली में 1739,बस्ती में 1240,बिजनौर में 98,बदांयू में 923, बुलंदशहर में 47,चंदौली में 1012,चित्रकूट में 175, देवरिया में 947, एटा में 102, इटावा में 372, फैजाबाद में 529, फतेहपुर में 1810, फिरोजाबाद में 119,गौतमबुद्ध नगर में 21,गाजियाबाद में एक,गाजीपुर में 1766, गौंड़ा में 593,गोरखपुर में 1236,हमीरपुर में 177,हापुड में 11,हरदेाई में 3413,हाथरस में 83,जालौन में 112, जौनपुर में 616,झांसी 120, कन्नौज में 291,कानपुर देहात में 1050,कानपुर नगर में 834,कासगंज में 227,कौशांबी में 256,खीरी में 3342, कुशीनगर में 1041, ललितपुर में 263,लखनऊ में 130, महोबा में 16,महाराजगंज में 3772,मैनपुरी में 282,मथुरा में 206, मऊ में 272, मेरठ में 15, मिर्जापुर में 1864, मुराबाद में 990,मुज्जफरनगर में 23,पीलीभीत में2027, प्रतापगढ़ में 238, राय बरेली में 819, रामपुर में 3520, सहारनपुर में 44, संभल में 2369, संत कबीर नगर में 599,संत रवि दास नगर में 864, शाहजहांपुर में 14,श्रावस्ती में 374, सिद्धार्थनगर में 1644, सीतापुर में 2968, सोनभद्र में 1021,सुल्तानपुर में 401, उन्नाव में 220, बनारस में 399 कार्ड धारक चिन्हित हुए हैं|