आजादी के चार दिन पूर्व ही शहीद हो गये थे ‘आजाद’

FARRUKHABAD NEWS Politics जिला प्रशासन

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) अमर शहीद क्रन्तिकारी प० रामनारायण आजाद के शहादत दिवस पर उन्हें पुष्पांजली अर्पित कर याद किया गया| सभी को उनकी शौर्य गाथा से भी अवगत कराया गया|
शहीद आजाद के पौत्र बॉबी दुबे नें उनके चित्र पर दीप प्रज्वलित किया| इसके बाद उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की गयी| उन्होंने कहा की शहीद आजाद से सभी को प्रेरणा लेनें की जरूरत है| बॉबी दुबे नें उनके क्रन्तिकारी जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सरफरोशी दिल में है तो और सिर पैदा करो, नौजवानों ! ¨हद में फिर से गदर पैदा करो। फूंक दो बरबाद कर दो आशियां अंग्रेज का, अब तो दिल में हूक उठती कुछ करो या फिर मरो।’ देश भक्ति के अपने इसी गीत से युवाओं में क्रांति की धारा सींचने पर 1921 को उन्हें 6 माह की सजा हुई। एक और ‘आजाद’ क्रांतिवीर रामनारायण दुबे का जीवन देश को विदेशी दासता से मुक्त कराने की गौरवमयी गाथा है। 18 अक्टूबर 1898 में उनका जन्म शहर के साहबगंज चौराहे के पास शिव मंदिर परिसर स्थित मकान में उस मां बादामो देवी की कोख से हुआ, जिन्होंने लोगों से चंदा एकत्र कर गांधीजी को भेंट किया और स्वाधीनता आंदोलन में खुशी-खुशी जेल की सलाखों के पीछे रहने को तनिक भी न घबराईं।आजाद 1926 में घर से गिरफ्तारी पर एक वर्ष व 1930 में नमक आंदोलन में दो वर्ष 6 माह सजा हुई। 1932 में 6 माह और फिर 1942 में वह चार साल नजरबंद रहे। स्वाधीनता से चार दिन पूर्व ही दुनिया से विदा ले गये। 10 अगस्त 1947 को उनके घर पर ही एक गद्दार ने सीने में गोली मार दी। 11 अगस्त को आजादी के इस दीवाने का निधन हो गया। रितेश शुक्ला, आदित्य दीक्षित, अरविन्द शुक्ला आदि नें विचार व्यक्त किये|
भाजपा नगर अध्यक्ष विकास पाण्डेय, राहुल राजपूत, दिलीप भारद्वाज, बीजेपी जिला मंत्री अभिषेक वाथम, भइयन मिश्रा, राम मिश्रा, प्रभात मिश्रा आदि नें पुष्पांजली अर्पित की|