कारगिल शहीद पर परिजनों को नाज, लेकिन सरकार की अनदेखी का गम

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) कारगिल शहीद मिलेट्री सिंह को आज विजय दिवस पर याद किया गया| उनके परिजनों और जिले को भारत माता के वीर सपूत पर गर्व है और रहेगा लेकिन सरकार की अनदेखी का गम भी है|
दरअसल बीते 13 फरवरी को 1999 को सेन्ट्रल जेल चौराहा निवासी मिलेट्री सिंह कारगिल के युद्ध में वीरगति को प्राप्त हो गये थे| इस दौरान उन्होंने युद्ध में पाकिस्तान के सैनिकों के दांत खट्टे कर दिये थे| उनकी शहादत बेकार नही गयी और हिन्दुस्तानी सेना नें पाकिस्तान को पीछे खदेड़ दिया| 26 जुलाई 1999 को भारत नें यह ऐतिहासिक फतेह हासिल की थी| कारगिल में भारत को पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध जीते 22 साल हो चुके हैं। भारतीय सशस्त्र बल के सैनिकों ने हजारों फिट की ऊंचाई पर पाकिस्तानी सेना को खदेड़ा और अपनी जमीन उनके कब्जे से वापस ली। वर्ष 1999 में जब हमने पाकिस्तान के खिलाफ कारगिल युद्ध जीता था, तब पूरीदुनिया ने भारतीय सेना के बहादुरी की गाथा गाई थी। देश इस जीत का जश्न कारगिल विजय दिवस के रूप में मना रहा है।
कारगिल विजय दिवस पर पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध लड़ते हुए शहीद हुए मिलेट्री सिंह को परिजनों नें याद कर पुष्पांजलि अर्पित की| शहीद की पत्नी वीरनारी गीता सिंह अब बुजुर्ग हो गयी है| लेकिन उनके जहन में तत्कालीन सरकार के द्वारा किया गया वादा याद है जिसकी सरकार अनदेखी कर रही है| सरकार नें शहीद हुए मिलेट्री सिंह के परिजनों को पेट्रोल पम्प देनें का वायदा किया था लेकिन आज तक उसे नही निभाया गया| जिसका गम आज भी परिजनों को टिस मारता है|