लखनऊ:उत्तर प्रदेश के नए पुलिस मुखिया के नाम पर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मुहर लगाएंगे। मुकुल गोयल के नाम पर मुहर लगने की चर्चा सबसे तेज है। दिल्ली में मंगलवार को संघ लोक सेवा आयोग की बैठक में अगले डीजीपी को लेकर तीन अधिकारियों का पैनल तय कर दिया गया। बैठक में मुख्य सचिव आरके तिवारी व डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी भी शामिल थे।उत्तर प्रदेश में इस बार भी नए डीजीपी के चयन में वरिष्ठता सूची को ही वरीयता दी गई है। नए डीजीपी की रेस में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1987 बैच के आइपीएस मुकुल गोयल सबसे आगे हैं। गोयल केंद्र में बीएसएफ में एडीजी हैं। वह समाजवादी पार्टी के शासनकाल में एडीजी कानून व्यवस्था के पद पर रह चुके हैं। इनके अलावा इसी बैच के आइपीएस तथा वर्तमान में डीजी ईओडब्ल्यू डा. आरपी सिंह का नाम है। दोनों अफसरों ने मंगलवार शाम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात भी की।संघ लोक सेवा आयोग के पैनल में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात 1986 बैच के आइपीएस अधिकारी नासिर कमाल का नाम भी शामिल है। मुकुल पूर्व में एडीजी कानून-व्यवस्था के अहम पद पर तैनात रह चुके हैं, जबकि डॉ.आरपी सिंह वर्तमान में डीजी ईओडब्लूय व एसआइटी हैं और कई अहम जांचों को अंजाम तक पहुंचा चुके हैं।
डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी समेत नौ आइपीएस अधिकारी 30 जून को अपना कार्यकाल पूरा कर रहे हैं। इनमें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर तैनात डीजी अरुण कुमार का नाम भी शामिल है। नए डीजीपी के चयन को लेकर बात करें तो 1987 बैच के ही आइपीएस अधिकारी विश्वजीत महापात्रा व जीएल मीणा के नाम वरिष्ठता सूची में शामिल रहे हैं। 1988 बैच के आइपीएस अधिकारी डा. आरके विश्वकर्मा, इसी बैच के आइपीएस अधिकारी डीएस चौहान व आनन्द कुमार भी डीजीपी की रेस के अहम दावेदार के रूप में देखे जाते रहे हैं।वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सुलखान सिंह,ओपी सिंह व उनके बाद हितेश चंद्र अवस्थी को भी वरिष्ठता के क्रम के आधार पर डीजीपी बनने का अवसर मिला था। 30 जून को नौ आइपीएस अधिकारियों समेत 21 राजपत्रित अधिकारी रिटायर होंगे। इनमेें 12 पीपीएस अधिकारी शामिल हैं। सेवाकाल पूरा करने वाले आइपीएस अधिकारियों में दो डीजी के अलावा आइजी राजेश पांडेय व आइजी जेके शुक्ला, डीआइजी दिलीप कुमार, साधना गोस्वामी व निलंबित डीआइजी दिनेश चंद्र दुबे भी शामिल हैं।
एसटीएफ की मूल टीम के दो अफसर कहेंगे अलविदा
उत्तर प्रदेश में संगठित अपराध की कमर तोड़ने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह ने स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया था। एसटीएफ की बुनियादी टीम में तत्कालीन एडीजी कानून व्यवस्था अजय राज शर्मा समेत 16 पुलिस अधिकारियों व कर्मियों का चयन किया गया था। एसटीएफ की इस मूल टीम में तैनात दो अधिकारी अरुण कुमार व राजेश पांडेय 30 जून को सेवानिवृत्त होने वाले अंतिम दो अधिकारी होंंगे। इससे पूर्व इस टीम की रीढ़ रहे 14 पुलिस अधिकारी व कर्मी अपना सेवाकाल पूरा कर चुके हैं।