फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) यह आस्था ही थी। उम्र की दीवारें भी ढह गई। शनिवार देर रात से शुरू हुआ भक्तो का सैलाब सुबह होते-होते महाकुम्भ में बदल गया| 50 वर्ष के अधेड़ यहां पर थे तो बुजुर्गवार भी। दस वर्ष के बच्चे थे तो आस्था के इस सैलाब में गोता लगाने वालों में 14 वर्ष के किशोर संग 25-30 वर्ष के युवा भी। महिलाएं एवं युवतियां भी गंगा दशहरा पर कोरोना वायरस के पाबंदी के बाद भी गंगा के स्नान करने से पीछे नहीं रहीं।
रविवार को गंगा दशहरा का पर्व था। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है। शहर के तमाम श्रद्धालु गंगा स्नान के लिए पंहुचे| जिला प्रशासन की भीड़ एकत्रित ना होनें देंने का फरमान धरा रह गया और गंगा घाट पर लाखों श्रद्धालु नें स्नान किया|
घर-घर बने पकवान, जलेबीकी रही कमी
रविवार को जलेबी को भी जमकर भाव मिले। गंगा दशहरा के पर्व पर महिलाओं ने मान्य (सास, ससुर, भांजी आदि) को दान किया। जलेबी के साथ में शर्बत पिलाने का इस पर्व पर विशेष महत्व है। लेकिन कोरोना काल के चलते जलेबी पुन्य करनें तक को नसीब नही हुई|
भीड़ के आगे पुलिस व्यवस्था दिखी धड़ाम
भीड़ का आलम यह था कि लोग अपनी बारी आने के लिए प्रतीक्षा करते नजर आए। इस दौरान शारीरिक दूरी भी धड़ाम हो गई। खास बात यह रही कि घाटों पर पुलिस नजर तो आई, लेकिन उसने श्रद्धालुओं को स्नान ने रोकने की कोशिश नहीं की। हां, मीडियाकर्मियों के कैमरे को देख जरुर सक्रिय दिखे|
हाईवे पर लगा 10 किलोमीटर लम्बा जाम
वहीं इटावा बरेली हाई-वे पांचाल घाट से लगभग 10 किलोमीटर लम्बा जाम लगा रहा| ट्रक, बस, निजीवाहनों के पहिये घंटो तक जाम रहे| वाहनों की लम्बी-लम्बी लाइनें लगी मिली| कई जगह श्रद्धालुओं के जन सैलाब को उमड़ा देख स्थानीय व्यापारियों ने भी लाकडाउन और अधिकारियों के आदेश को ठेंगा दिखाते हुए बाजार खोल दिया। जिससे स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने जमकर खरीददारी की। उसके बाद श्रद्धालुओं ने गंगा नगरी में स्थित मंदिरों के दर्शन किए। दोपहर लगभग 12 बजे यातायात कुछ सामान्य हो सका|