कोरोना के इस खतरनाक समय में बच्चों का रखें विशेष ख्याल

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फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) तेजी से फैलते कोरोना संक्रमण के बीच मासूम बच्चों की देखरेख में जरा सी कोताही गंभीर बीमारी का कारण बन सकती हैं। खासतौर से इस मौसम में होने वाला वायरल डायरिया बच्चों को मुश्किल में डाल सकता हैं। इसलिए मासूम बच्चों के हाथ बार बार साफ करतें रहे। उन्हें मास्क लगाने की आदत डालें ताकि बच्चे कोरोना संक्रमण से भी बच सकें।यह कहना हैं डॉ राममनोहर लोहिया चिकित्सालय महिला में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ० शिवावाशीष उपाध्याय का।
डॉ० उपाध्याय ने कहा मुझे 2 बजे से 3 बजे के बीच (6392694125) नम्बर पर फ़ोन कर अपने बच्चे के स्वास्थ्य के बारे में सलाह ले सकते है | डॉ० उपाध्याय ने कहा कोरोना संक्रमण की वजह से स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित चल रही है। ओपीडी बंद हैं।मौसम के बदलाव की वजह से बुखार इस वक्त आम हो चुका है। हर घर में बुखार से ग्रसित मरीज हैं।लेकिन बुखार के साथ खांसी और जुकाम का होना मुश्किल बढ़ा सकता है। ऐसे में तत्काल डॉक्टर से परामर्श लें और उपचार कराने के साथ ही आराम करें। ताकि जल्द से जल्द बुखार से उबरा जा सके।
डॉ० उपाध्याय ने बताया कि पांच माह के ऊपर के बच्चों को इस मौसम में वायरल डायरिया होने की भी संभावना होती है। इस रोग में बच्चे दूध पीते ही दस्त कर देते हैं। ऐसे बच्चों की साफ-सफाई का खास ख्याल रखें। दिन में कई बार बच्चों के अच्छी तरह से हाथ साफ करें क्योंकि बच्चे हर चीज को छूते हैं और फिर वहीं हाथ मुंह में डाल लेते हैं। ऐसी स्थिति में वायरल डायरिया होने की संभावना ज्यादा होती है । माता पिता दांत निकलने की बात सोचकर बच्चों का उपचार नहीं कराते और स्थिति गंभीर हो जाती है।
डॉ० उपाध्याय ने बताया कि बच्चों में बुखार भी तेजी से फैल रहा है।ऐसे में बच्चों को टीएलसी और प्लेटलेट्स कम हो जाती हैं।ऐसा बुखार पांच से सात दिन तक रहता है। इसलिए नियमित उपचार और दवाओं में कोताही नहीं बरतनी चाहिए ।
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मामले बढ़ रहे हैं। ऐसे में मासूम बच्चों को भी मास्क लगाने की सख्त आवश्यकता है। अक्सर माता पिता स्वयं तो मास्क लगा लेते हैं ।लेकिन बच्चों को बिना मास्क के ही घुमाते हैं जो कि ठीक नहीं है। संक्रमण को देखते हुए बच्चों को घर से ही न निकालें। अगर निकालें तो मास्क जरूर लगायें|
डॉ० उपाध्याय ने बताया कि अगर आपके बच्चे को अधिक दस्त हो रहे हों तो उसे जिंक और ओआरएस का घोल दे सकते हैं | साथ ही कहा कि बच्चे की आँखे अन्दर की ओर धंसी हुई हैं, बार-बार लेट्रिन कर रहा हो, पेसाब कम आ रहा हो और पेट की खाल खींचने पर अपनी जगह पर जाने पर समय लग रहा है तो देरी न करें अपने डाक्टर से फौरन सलाह लें |