लखनऊ: किसी भी लावारिस शव का मर्यादित ढंग से अंतिम संस्कार हो सके, इसके लिए शासन ने पूर्वनिर्धारित रकम में सात सौ रुपये की बढ़ोतरी करने का निर्णय किया है। महंगाई बढ़ने के कारण डीजीपी मुख्यालय ने इस मद में रकम बढ़ाए जाने की सिफारिश की थी, जिस पर शासन ने अब अंतिम संस्कार के लिए 3400 रुपये दिए जाने की मंजूरी दे दी है। इस मद में करीब नौ वर्षों के बाद इजाफा हुआ है। अब तक लावारिस शव का अंतिम संस्कार करने के लिए 2700 रुपये दिए जा रहे थे।
रिक्शा या टेंपो में पुलिस को लापरवाही से शव ले जाने या अमर्यादित ढंग से शवों का अंतिम संस्कार करने के दृश्य सामने आते रहते हैं। ऐसी वायरल तस्वीरों ने कई बार पुलिसकर्मियों की संवेदनहीनता से लेकर पूरी व्यवस्था को कठघरे में खड़ा किया है। ऐसी परिस्थितियां अक्सर लावारिस शवों को लेकर पैदा होती हैं। ऐसा न होने देने की खातिर शासन लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए निर्धारित रकम प्रदान करता है।
डीजीपी मुख्यालय ने बीते दिनों लावारिस शवों के अंतिम संस्कार के लिए दी जाने वाली रकम बढ़ाए जाने की सिफारिश की थी। गृह विभाग के विशेष सचिव आरपी सिंह ने लावारिस शव के अंतिम संस्कार के लिए 3400 रुपये प्रदान किए जाने का आदेश जारी किया है, जिसमें कफन के छह मीटर कपड़े के लिए चार सौ रुपये, दाह संस्कार के लिए लकड़ी या कब्रिस्तान में दफन कराने के लिए 2500 रुपये तथा शव को पोस्टमार्टम हाउस ले जाने व श्मशान/कब्रिस्तान ले जाने के लिए 500 रुपये शामिल हैं।
शासकीय वाहन है तो नहीं मिलेंगे 500 रुपये : शासन ने निर्देश दिया है कि जिन जिलों में शासकीय वाहन उपलब्ध हैं, वहां शव को घटनास्थल से पोस्टमार्टम हाउस तक ले जाने और फिर श्मशान/कब्रिस्तान पहुंचाने के लिए यथासंभव इन्हीं वाहनों का प्रयोग किया जाए। ऐसी स्थिति में शव को लाने व ले जाने के लिए अनुमन्य 500 रुपये का भुगतान नहीं होगा।