पंचायत का पंचनामा: बाढ के बहानें कागजों में ही वह जाता ‘शीशराम की मढैया’ के ऊपर लाखों का वजट

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फर्रुखाबाद:(राजेपुर संवाददाता) भारत को गांवों का देश कहा जाता है। इन गांवों की अपनी अलग खूबसूरती और पहचान होती है। इन्हें बरकरार रखने के लिए ग्रामीण इलाकों के विकास के लिए विशेष प्रयास की जरूरत है, लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है। शहरीकरण के दौर में ग्रामीण क्षेत्र विकास की दौड़ में पीछे छूट रहे हैं।  विकास खंड राजेपुर के ग्राम शीशराम की मढैया का तो यही हाल है| यहां विकास कार्य होना तो दूर बुनियादी सुविधाओं के लिए यह गांव तरस रहा है। गांव तक पहुंचने वाले प्रमुख मार्गो खस्ताहाल हैं। पैदल यात्रियों के चलने के लिए कच्चे रास्ते हैं|
राजेपुर क्षेत्र गांव चाचूपुर के शीशराम की मढैया के ग्रामीण विकास से कोसों दूर है| सरकार के किसी भी विभाग नें ग्रामीणों के भाग का विकास उनकी झोली में नही डाला| प्रधान जी और सचिव साहब भी केबल वादा करते-करते ही पांच स्वर्णिम वर्ष निकाल दिये| लेकिन केबल विकास अपना ही किया|
ग्रामीण हरीश चन्द्र, राजेन्द्र पुत्र राधेश्याम, अमिताभ पुत्र हरिराम आदि नें आरोप लगाया कि उन्हें आज तक शौचालय और आवास नही मिला| गाँव में 35 परिवार रहते है लेकिन शौचालय केबल 5 लोगों को ही मिले| बांकी सब कागजों में ही बना डाले! और रिपोर्ट भी शासन को भेज दी| हद तो तब हो गयी जब ग्रामीणों नें  आरोप लगाया कि उनसे 10 रूपये की बसूली करने के बाद भी आज तक शौचालय और आवास नही मिले| जो शौचालय बने है उनके भी हाल खस्ता है| कुछ वर्षों में ही मिलावट की बालू में मिलकर उनकी हालत खराब है|
गाँव की सड़क से नही गुजरा विकास
यह आज का ही हाल नही| शीशराम की मढैया जब से अस्तित्व में आया तभी से विकास की वयार में गोते नही लगा सका| उस मजरे के लिए विकास का रास्ता होकर ही नही गुजरा| ग्रामीण को आने जाने के लिए आज भी लाख का बजट कागजों में खर्च होकर गंगा की बाढ़ में डुबकी लगा गया| मुख्य मार्ग आज भी खस्ता और कच्चा है |
बिजली की उम्मीद भी खो चुके ग्रामीण
ग्रामीणों के पास बिजली की कोई व्यवस्था नही है| जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने देश के हर घर तक बिजली पहुंचाने के लिए सहज बिजली हर घर योजना उतारी थी| बीते 6 महीने पूर्व गाँव में लगभग 15 घरों में मीटर लगे, खम्भे लगे जिससे ग्रामीणों के जहन में उम्मीद का बल्ब जला लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद उसमे करंट नही दौड़ सका|
क्या कहते है जिम्मेदार
जेएनआई टीम नें जब निर्वतमान प्रधान बालक राम से वार्ता की तो बताया कि बीते पांच वर्षों में दो सीसी सड़कें 500 मीटर की गोंटिया में 15 लाख की  लागत से बनीं|  एक सड़क आरसीसी पट्टी वदनपुर मढ़ैया में 20 लाख की लागत से नाली सहित बनी, 3 सड़क चाचूपुर,जटपुरा में सीसी 9 लाख रुपये की लागत से बनीं| ग्राम पंचायत में 500 शौचालय पंखे नगला, शांति नगर, शीशराम मड़ैया, गोटिया, पट्टी बदनपुर, चाचूपुर व आजाद नगर में 60 लाख रुपये के खर्च पर बने| 51 आवास 61 लाख 20 हजार रुपए के वजट में बने| पट्टी बदनपुर प्राथमिक विद्यालय में शौचालय चार दीवारी, गेट, टायल, रंगाई-पुताई 5 लाख के वजट हुआ| शीशराम की मढैया में 22 शौचालय बनवाये गए थे जिसमें 15 गंगा में कट गये|  7 शौचालय केवल बचे है|  ग्राम पंचायत में कुल 5500 की जनसंख्या में 2300 मतदाता है|