कलयुगी पुत्रों नें वृद्ध पिता को घर से निकाला, कोर्ट से मिली उम्मीद की किरण

FARRUKHABAD NEWS जिला प्रशासन सामाजिक

फर्रुखाबाद:(जेएनआई ब्यूरो) इंसान औलाद के लिए क्या नही करता| इसका अगर उदाहरण देखना है तो बागबान फिल्म जरुर देखें| जिसमे अभिनेता अमिताभ बच्चन कहते है कि  जिन बच्चों के लिए एक बाप अपनी मेहनत की पाई-पाई हंसते-हंसते उन पर खर्च कर देता है, वही बच्चे जब बाप की आँखे धुंधली हो जाती है तो उन्हें कतरा भर रोशनी देनें से क्यों कतराते है| इसी से मिलता जूझता एक मामला एसडीएम सदर के न्यायालय में पंहुचा| जहाँ एक वृद्ध पिता अपनी औलादों से पीड़ित है| उसे उनके बेटों-बहुओं नें घर से निकाल दिया| कोर्ट नें मामले का अंज्ञान लेकर आरोपी बेटों को तलब किया है| यह वृद्ध भी बैंक में कैशियर से रिटायर हुआ और आज बेटों की करतूत से पाई-पाई को मोहताज है- पढ़े पूरी खबर
शहर के मोहल्ला नुनहाई गली निवासी रिटायर्ड कैशियर 69 वर्षीय विमल दीक्षित नें एसडीएम सदर के न्यायालय को अधिवक्ता डॉ० दीपक द्विवेदी के माध्यम से दावा दाखिल किया| जिसमे वृद्ध नें कोर्ट को बताया कि उसके पांच पुत्र मनोज दीक्षित, अरविन्द दीक्षित, अरुण कुमार, अरविन्द की पत्नी शशि दीक्षित, अनुपमा उर्फ एकता पत्नी अरुण है| जो विमल दीक्षित के मालिकाना वाले मकान में रह रहे है| तीनो पुत्रों के विवाह हो चुके है| बीते 31 दिसंबर 2000 को स्वैछिक सेवा निवृति विमल दीक्षित नें बैंक आफ इंडिया के कैशियर पद से ली थी| अपना मकान विमल नें 1982 कजो खरीदा था| रिटायर्ड कैशियर विमल कुमार नें बताया कि पत्नी का स्वर्गवास 1 मई 2010 को हो गया था| जिसके बाद से बेटे और बहु अपमान जनक व्यवहार करने लगे|
अपने दर्द की कहानी कोर्ट को बताते हुए रिटायर्ड कैशियर नें बताया कि अपमानित और मारपीट करने के चलते 2017 को जब लोग अपने घरों में दीपक जला रहे थे तो उनकेबेटे बहुओं नें उन्हें उस घर से भी बाहर निकाल दिया जिस घर के स्वामी वह खुद हैं| रिटायर्ड कैशियर नें प्रतिएक पुत्र से 10-10 हजार की धनराशि मासिक भरण-पोषण के लिए दिलाने की मांग की| इसके साथ ही बेटे-बहुओं को उनके घर से बेदखल करने की मांग भी की है|
मामले को गंभीरता से लेते हुए कोर्ट नें सुलाहधिकारी प्रबल त्रिपाठी के माध्यम से आरोपियों को नोटिस जारी कर तलब किया है| सभी आरोपियों को आगमी 5 जनवरी को तलब किया है|