यूपी की 10 जनपदों की जेलों में कारागार कर्मी पहनेंगे बॉडी वार्न कैमरे

JAIL LUCKNOW POLICE

लखनऊ: पहले फेस में सूबे के 10 जनपदों की जेल के कर्मचारी बॉडी वार्न कैमरे पहनकर जेल के अंदर ड्यूटी करेंगे। कैमरे में बंदियों के सारी गतिविधियों उनके व्यवहार और उनसे मिलने के लिए आने वाले लोगों तक की रिकार्डिंग होगी। यह रिकार्डिंग सुरक्षित की जाएगी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की पहल पर यह व्यवस्था उत्तर प्रदेश समेत राजस्थान, तेलंगाना और पंजाब में भी की जा रही है। उत्तर प्रदेश को इसके लिए 80 लाख रुपये की राशि की स्वीकृति की गई है। बंदियों को अपराध की दुनियां से बाहर निकालने के लिए यह व्यवस्था की जा रही है।मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक क्लिप देखकर देंगे सुझाव
जेल कर्मचारी जब बॉडी वार्न कैमरा पहनकर ड्यूटी करेंगे तो ड्यूटी के दौरान जेल की सारी गतिविधियां, कैदियों का व्यवहार आदि सब की कैमरे में रिकार्डिंग होगी। यह भी पता चलेगा कि किस कैदी से मिलने के लिए उसका कौन सा परिजन आया है। कैदी का व्यवहार कैसा है। यह सारी रिकार्डिंग सुरक्षित की जाएगी। ड्यूटी शुरू होते ही कर्चमारी इसे धारण कर लेगा। कर्मचारी की ड्यूटी समाप्ति के समय ही बंद किए जाएंगे। विशेष परिस्थितियां जैसे बन्दियों या कर्मचारी को निजता की आवश्यकता हो जैसे वाशरूम जाने हेतु ही थोड़ी देर के लिए कैमरे बंद कर सकते हैं। पर इसकी सूचना कर्मचारियों को कंट्रोल रूम को देनी पड़ेगी। इसके लिए जेल में एक कंट्रोल रूम भी जेल में बनाया जाएगा। एक अधिकारी को कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी दी जाएगी। इस रिकार्डिंग को मनोचिकित्सक और मनोवैज्ञानिक एवं एक्सपर्ट देखेंगे। वह इसे देखकर यह पता लगाएंगे कि किस कैदी का क्या व्यवहार है। उसके अनुसार कैदी को सुधारने के तौर तरीके भी बताएंगे। जिससे कैदियों को अपराध की दुनियां से बाहर निकाला जा सके।
पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत सबसे पहले इन जिलों में शुरू होगी व्यवस्था
डीजी जेल आनंद कुमार ने बताया कि सेंट्रल जेल नैनी (प्रयागराज), जिला कारागार सीतापुर, कानपुर, गोरखपुर, गाजियाबाद, बांदा, वाराणसी, मुरादाबाद, अलीगढ़ और मुज्जफ्फरनगर जेल में पॉयलट प्रोजेक्ट के तहत यह व्यवस्था शुरू की जा रही है। यहां सफलता मिलने पर सूबे की अन्य जेलों में भी कर्मचारियों के बाडी वार्न कैमरा पहनकर ड्यूटी करने की व्यवस्था की जाएगी।