बाराबंकी: फिरौती के लिए युवक को अपहरण करने के सनसनीखेज प्रकरण में एक बार फिर एसपी ने जीरो टॉलरेंस का परिचय देते हुए जांच में आरोपित सिपाहियों पर मुकदमा कराया है। वहीं, कोठी थानाध्यक्ष की विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं। वहीं, सीओ रामसनेहीघाट की जांच में एक सिपाही की संलिप्ता इस वारदात में नहीं पाई गई है। मसौली के भूलीगंज निवासी राहुल सिंह को 16 अक्टूबर की रात कुछ सिपाहियों ने अपनी निजी कार से अपहरण कर लिया था। पहले कोठी के उस्मानपुर गांव में किराए के कमरे में उसे बंधक बनाकर रखा गया। उसकी जेब से आठ हजार निकालकर शराब पी गई और दस लाख न देने पर दो किलो मार्फीन में जेल भेजने की धमकी दी गई। हालांकि, थाने में तीन लाख रुपये देकर सिपाहियों ने राहुल को छोड़ दिया।
प्रारंभिक जांच के आधार पर एसपी ने चार सिपाही आशीष तिवारी, अमित सिंह, नीलेश सिंह और जमाल अहमद को निलंबित करते हुए जांच सीओ रामसनेहघाट पंकज सिंह को सौंपी थी। छह नवंबर को सीओ ने गहन जांच के बाद रिपोर्ट एसपी को सौंपी। एसपी डॉ. अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि सीओ पंकज सिंह की ओर से दोषी पाए गए तीन सिपाहियों पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम आदि के तहत मुकदमा कराया गया है। अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।एसओ की विभागीय जांच
जांच अधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि इस प्रकरण में सिपाही अमित सिंह का शामिल होना नहीं पाया गया है, इसके ठोस साक्ष्य प्राप्त हुए हैं। वहीं, एसओ कोठी की लापरवाही व रोल की विभागीय जांच कराई जा रही है।
होगी गिरफ्तारी
एएसपी आरएस गौतम ने बताया कि एफआइआर के बाद इसकी जांच सीओ सदर को सौंपने के आदेश हुए हैं। विवेचना व साक्ष्यों के आधार पर आरोपित सिपाहियों की गिरफ्तारी भी जल्द होगी।