अनुशासनहीनता ना करें पुलिस कर्मी, खाकी की मर्यादा बनाये रखने के निर्देश

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के कर्मियों की अनुशासनहीनता पर प्रदेश के पुलिस प्रमुख बेहद सख्त हैं। डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने प्रदेश की फोर्स में अनावश्यक रूप से दाढ़ी रखने के साथ ही वर्दी में फूहड़पना दिखाने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन की तैयारी कर ली है। डीजीपी की ओर से जारी निर्देशों का पालन सिपाही से लेकर आइपीएस अधिकारी को भी करना होगा। माना जा रहा है कि डीजीपपी के निर्देश की अवहेलना करने वाले ऐसे पुलिसकर्मियों पर अब गाज गिरना भी तय है।
बागपत के रमाला थाना में तैनात सब इंस्पेक्टर इंतसार अली की दाढ़ी पर मचे बवाल के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के महानिदेशक हितेश चंद्र अवस्थी अब अनुशासनहीनता पर बेहद सख्त नजर आ रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट निर्देश जारी किया है कि ड्यूटी के दौरान रौब झाड़ रहे दबंग पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जाए। बागपत में बिना अनुमति के दाढ़ी बढ़ाने वाले उपनिरीक्षक इंतसार अली पर कार्रवाई के बाद डीजीपी हितेश चंद्र अवस्थी ने अन्य पुलिसकर्मियों को दाढ़ी बनाकर बावर्दी दुरुस्त रहने की कड़ी हिदायत दी है। डीजीपी ने वर्दी धारण करने के नियमों का उल्लंघन करने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई के निर्देश भी दिए हैं।
डीजीपी की ओर से जारी निर्देश में कहा गया है कि कई पुलिस अधिकारी व कर्मी जो पुलिस सेवा में आने से पहले दाढ़ी नहीं रख रहे थे, अब अपने धार्मिक दायित्वों का निर्धारण करने के लिए दाढ़ी रखने की इच्छा प्रकट कर रहे हैं। इसमें कहा गया है कि सिख धर्म के पुलिसकर्मियों को छोड़कर अन्य सभी के लिए क्लीन शेव किया जाना अनिवार्य है। यदि सक्षम अधिकारी किसी पुलिसकर्मी को दाढ़ी रखने की अनुमति देते हैं तो भी उसकी दाढ़ी के बाल छोटे व सही ढंग से कटे होने चाहिए। पुलिसकर्मी मूंछे अपनी इच्छा के अनुरूप रख सकते हैं, लेकिन उनका रखरखाव भी अच्छा होना चाहिए।
डीजीपी के सर्कुलर में कहा गया है कि धार्मिक आधार पर अस्थायी अवधि के लिए दाढ़ी रखने व लंबे बाल उगाने की अनुमति कार्यालय के प्रमुख दे सकते हैं। यह अनुमति भी निश्चित समय के लिए ही होगी। अवधि समाप्त होने के बाद संबंधित पुलिस अधिकारी व कर्मी के लिए तय नियमों का अनुपालन करना अनिवार्य है। डीजीपी ने कहा है कि पुलिसकर्मी निर्धारित स्वच्छ वर्दी व टोपी धारण करें। वर्दी के साथ निर्धारित शू के अलावा अन्य कोई, जूता, चप्पल अथवा सैंडल न धारण किया जाए। डीजीपी ने गलत वर्दी, टोपी, नेम प्लेट धारण करने वाले व कमीज का बटन खुला रखने वाले पुलिस अधिकारियों व कर्मियों के विरुद्ध कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। साथ ही वर्दी के साथ निर्धारित जूता-मोजा ही धारण किए जाने को लेकर आगाह किया है।
वर्दी की गरिमा से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
डीजीपी ने फिल्मस्टार की स्टाइल में वर्दी पहन कर ड्यूटी करने वाले सभी पुलिसकर्मियों पर सख्त तेवर दिखाए हैं। इसके साथ ही इस पर पूरी तरह से रोक लगा दी है। डीजीपी की तरफ से सभी को स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि दाढ़ी रखने के शौकीन पुलिसकर्मियों पर सख्त रवैया अपनाया जाए। इसके साथ ही बिना वर्दी के ड्यूटी कर रहे दबंग पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी जिला के साथ राज्य स्तर पर कार्रवाई का निर्देश जारी किया है।
दाढ़ी न कटवाते दारोगा, भले ही नौकरी छोड़ देते
बागपत में तैनात दारोगा इंतसार अली दाढ़ी कटवाने के बाद उलमा के निशाने पर आ गए हैं। उलमा का कहना है कि दारोगा को दाढ़ी न कटवाकर नौकरी छोड़ देनी चाहिए थी। मदरसा जामिया फातिमा जोहरा एंग्लो अरेबिक के मोहतमिम मौलाना लुत्फुर्रह्मान सादिक कासमी का कहना है कि दाढ़ी ना रखना शरीयत के हिसाब से जुर्म है और दाढ़ी रख कर कटवा देना उससे भी बड़ा जुर्म है। दाढ़ी कटाकर नौकरी को तवज्जो देना या अपने कारोबार को तवज्जो देना गलत है। अगर कहीं इस तरह की विकट परिस्थिति आ जाए तो दाढ़ी नहीं बल्कि नौकरी छोड़ देनी चाहिए। फतवा ऑनलाइन के प्रभारी मुफ्ती अरशद फारूकी का कहना है कि लोगों को अपने मजहब के अनुसार जीवन यापन करने की आजादी है। जहां तक पुलिस महकमे की बात है तो ऐसे मामलों में मुसलमानों को जज्बात में न आकर अदालत का सहारा लेना चाहिए। मुफ्ती फारूकी ने कहा कि दारोगा इंतसार अली को इतनी जल्दी घबराकर दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए थी। उन्हें मुस्तैदी के साथ डटे रहना चाहिए था।
गौरतलब है कि दारोगा इंतसार अली को एसपी बागपत अभिषेक सिंह ने बगैर विभाग की अनुमति के दाढ़ी रखने पर 20 अक्टूबर को निलंबित कर दिया था। दारोगा एसपी के निर्देशों का पालन यानी तीन बार हिदायत देने के बावजूद भी अपनी दाढ़ी नहीं कटवा रहे थे। इसी कारण उनको निलंबित किया गया था। दारोगा का कहना था कि तीन बार एसपी तथा आइजी के सामने दाढ़ी कटवाने के लिए अनुमति का पत्र लेकर पहुंचे, लेकिन एक वर्ष तक उस पत्र पर किसी ने ध्यान नहीं दिया था। शनिवार को दाढ़ी कटवा ली। इसके बाद एसपी कार्यालय में एसपी के सामने अपना पक्ष रखा। जिसके बाद एसपी ने उनका निलंबन बहाल कर दिया।