लखनऊ: गृह मंत्रालय ने दुष्कर्म की घटनाओं को लेकर एडवाइजरी जारी की तो लखनऊ पुलिस भी महिला सुरक्षा को लेकर पूरी तरह एक्शन में दिख रही है। पुलिस आयुक्त सुजीत पांडेय ने राजधानी के सभी दारोगाओं को छेड़खानी, दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट के मामलों में 30 दिन के भीतर चार्जशीट और तुरंत गिरफ्तारी के निर्देश दिए हैं। नियम के मुताबिक किसी भी मामले में चार्जशीट के लगाने के 90 दिन का समय निर्धारित है। उन्होंने यह भी कहा कि विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) को भी को भी महिलाओं से जुड़े मामलों में तुरंत रिपोर्ट देनी होगी।
एक पीड़िता एक अधिकारी
लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के साथी प्रोजेक्ट के तहत एक पीड़िता एक महिला अधिकारी के तर्ज पर काम होगा। महिला संबंधी सभी लबित मामलों में जुलाई तक हर हाल में चार्जशीट करने के निर्देश दिये हैं। इसके बाद जिसकी विवेचना पूरी नहीं होगी विवेचक के खिलाफ कार्रवाई प्रस्तावित की जाएगी। पुलिस आयुक्त ने इस संबंध में 180 विवेचकों के साथ बैठक भी की।
बिना महिला पुलिस के महिला की गिरफ्तारी भी नहीं
पुलिस आयुक्त ने बताया कि महिला संबंधी किसी भी मामले में महिला पुलिस के बिना अब महिलाओं की गिरफ्तारी नहीं होगी, न ही उन्हें थाने में बिना महिला पुलिस के रोका जाएगा।
क्या कहते हैं पुलिस आयुक्त ?
पुलिस आयुक्त लखनऊ सुजीत पांडेय के मुताबिक, छेड़खानी, दुष्कर्म समेत महिला संबंधी अन्य संगीन मामलों में सभी दारोगाओं को तुरंत गिरफ्तारी के साथ 30 दिन के भीतर चार्जशीट लगाने के निर्देश दिए हैं।